विज्ञापन
This Article is From Apr 27, 2022

'मस्जिदों के लाउडस्पीकर और हलाल मीट पर ही बैन क्यों? : पूर्व CM उमर अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में मस्जिदों में अज़ान या नमाज़ के दौरान लाउडस्पीकर, क्लास में हिजाब और हलाल मीट पर चल रहे विवाद के बारे में भी बात की.

'मस्जिदों के लाउडस्पीकर और हलाल मीट पर ही बैन क्यों? : पूर्व CM उमर अब्दुल्ला
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला.
श्रीनगर:

नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि वर्तमान समय में भारत वह देश नहीं है, जिसमें जम्मू-कश्मीर का विलय हुआ था. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर लोगों को पता होता कि इस देश में मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों की 'रक्षा नहीं होगी' तो निर्णय "कुछ और होता". जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने श्रीनगर में मीडिया से बात करते हुए कहा, 'जब हमने भारत में शामिल होने का फैसला किया, तो हम एक ऐसे देश में शामिल हुए जहां हर धर्म के साथ समान व्यवहार किया जाएगा. हमें यह नहीं बताया गया था कि एक धर्म को तरजीह दी जाएगी और दूसरे को दबा दिया जाएगा.'

उन्होंने कहा, "अगर हमें पता होता तो शायद हमारा फैसला कुछ और होता. हमने सोच-समझकर फैसला लिया था क्योंकि हमें बताया गया था कि हर धर्म को समान अधिकार मिलेंगे.'

यूपी में त्योहारों के पहले लाउडस्पीकर हटाने का अभियान चला, CM योगी के सख्त निर्देश

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में मस्जिदों में अज़ान या नमाज़ के दौरान लाउडस्पीकर, क्लास में हिजाब और हलाल मीट पर चल रहे विवाद के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को उनकी धार्मिक मान्यताओं और उनके रहन-सहन के लिए दबाया जा रहा है.

अब्दुल्ला ने सवाल किया, 'हमें मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए? अगर अन्य धार्मिक स्थलों को इसका इस्तेमाल करने का अधिकार है, तो मस्जिदों को क्यों नहीं?'

पिछले कुछ हफ्तों में, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में रामनवमी के जुलूसों के दौरान झड़पें हुई हैं. हिंसा तब भड़क उठी जब तेज आवाज में संगीत के साथ जुलूस मुस्लिम बहुल इलाकों से गुजरे और उन पर कथित तौर पर पथराव हुआ.

'जितनी तेजी से अजान होगी, उतनी तेजी से हनुमान चालीसा होगी', मध्य प्रदेश में हिन्दू संगठन का ऐलान

कर्नाटक में, छात्रों द्वारा कक्षा में हिजाब पहनने पर रोक लगाने के विरोध के बीच, एक और विवाद तब छिड़ गया जब दक्षिणपंथी हिंदू समूहों ने हलाल मांस की बिक्री पर आपत्ति जताई.

अब्दुल्ला ने कहा, 'आप हमें बताएंगे कि हलाल मीट मत बेचो. क्यों? हमारा धर्म हमें हलाल मीट खाने के लिए कहता है. आप इसे क्यों रोक रहे हैं? हम आपको हलाल खाने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं. क्या किसी मुसलमान ने आपको हलाल खाने के लिए मजबूर किया है? आप जैसा चाहते हैं, वैसा खाना खाता हैं. हम भी वैसा ही करते हैं.'

धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर हटाने के लिए चीफ जस्टिस को हिंदू महासभा की चिट्ठी

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुसलमानों ने कभी भी मंदिरों या अन्य धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर पर आपत्ति नहीं जताई.

साथ ही उन्होंने कहा, 'हम आपको कभी नहीं कहा कि मंदिरों में माइक नहीं होना चाहिए. आप मंदिरों और गुरुद्वारों में माइक का उपयोग न करें. लेकिन आप केवल हमारे माइक से भड़क जाते हैं. आप हमारे धर्म से घबरा जाते हैं. आपको हमारे कपड़े पहनने का तरीका पसंद नहीं है. हमारा प्रार्थना करना पसंद नहीं है. आपको किसी और से समस्या नहीं है. वे नफरत फैला रहे हैं.'

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com