दुबई:
भारत अगर इतावली मरीन को नहीं लौटाता है तो इटली भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस वार्तालाप को सार्वजनिक कर देगा जिसमें उन्होंने कथित तौर पर सोनिया गांधी के खिलाफ जानकारी मांगी थी। यह दावा क्रिश्चियन मिशेल ने किया है। गौरतलब है कि मिशेल का नाम अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील मामले में बिचौलिए के तौर पर आ रहा है।
NDTV को दिए एक खास साक्षात्कार में मिशेल ने सलाह दी है कि हत्या के आरोपी मरीन को अगर नहीं लौटाया गया तो इतावली सरकार "कुछ ऐसा कर सकती है" जो भारत को "अच्छा न लगे"। उसने कहा कि यह "अप्रिय" कदम नरेंद्र मोदी और इतावली प्रधानमंत्री मातेरो रेंज़ी की "मुलाकात की स्वीकारोक्ति" भी हो सकता है। दोनों सरकारों ने इस बात का सिरे से खण्डन किया है कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की न्यूयार्क में यूएन कांफ्रेंस के दौरान ऐसी कोई मुलाकात हुई भी थी जिसमें भारत में हत्या के आरोपी इतावली मरीनों को लौटाने के बदले अगस्ता हेलिकॉप्टर डील से संबंधित ऐसी जानकारी देने का कथित प्रस्ताव था जो कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की भूमिका की बता सके।
हालांकि मिशेल ने जोर दिया कि कथित मुलाकात हुई थी जबकि सरकारों ने सिर्फ औपचारिक तौर पर मुलाकात को नकारा है। मिशेल ने माना कि न्यूयार्क में यूएन कांफ्रेंस के दौरान ऐसी कोई मुलाकात नहीं हुई थी। "मैं उस अनौपचारिक मुलाकात के बारे में कह रहा हूं जिसे आधिकारिक तौर पर आसानी से नकारा जा सकता है। " उसने दावा किया कि ये जानकारी उसे अगस्ता की मूल कम्पनी फिन्नेक्कसिया से मिली जिसे भारत में इतावली दूतावास ने बताया। उसने मामले की संवेदनशीलता का हवाला देकर दूतावास के उन अधिकारियों का नाम बताने से इंकार कर दिया। दो इतालवी मरीनों पर 2012 में भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप है जबकि एक खराब स्वास्थ्य की वजह से इटली चला गया था दूसरा दिल्ली में ही है। इटली का कहना है कि मछुआरों ने मरीनों को समुद्री डाकू समझ लिया था।
मिशेल ने NDTV से कहा कि "वे (इटली) कांग्रेस के मरीन मामले में असहयोग से खुश नहीं हैं। इटली की सरकार नई है और उसके पास मरीन मामला सुलझाने का मौका है। मुलाकात में मामला सुलझाने के लिए जो सलाह दी गई उसके लिए ये मानना पड़ता कि श्रीमती गांधी इसमें शामिल थीं जबकि ऐसा नहीं था। मैं जानता हूं कि ये थोड़ा जटिल होगा। भारत द्वारा इतावली नौसैनिक वापस भेजे जाने की संभावना पर मिशेल ने कहा कि जब बातचीत का आधार ही गलत हो तो बातचीत सफल नहीं हो सकती पीएम बहुत बुरी स्थिति में हैं यदि वे नौसैनिकों को वापस भेजते हैं तो उन पर मुलाकात करने के आरोप लग जाएंगे नहीं तो इटली सरकार उनसे नाराज होकर मुलाकात सार्वजनिक कर देगी।
अगस्ता वेस्टलैंड डील मामले में कथित रूप से बिचौलिए की रिश्वत देने में भूमिका का मामला मिलान कोर्ट के फैसले के बाद फिर से सुर्खियों में आ गया था।पिछले महीने ही मिलान के एक कोर्ट ने अगस्ता के कुछ सलाहकारों और अधिकारियों के पत्रों और नोट्स के आधार पर निष्कर्ष दिया था कि मामले में रिश्वत दी गई थी । मिशेल ने माना कि उनमें से एक दस्तावेज उसका है जिसमें बड़े नेताओं के लिए हेलीकॉप्टर लेने के लिए सोनिया गांधी को निर्णय लेने में " संचालक शक्ति " बताया था। " उसने जोर दिया कि श्रीमती गांधी को कोई रिश्वत नहीं दी गई और उनकी शक्ति को देख कर लामबंदी की सूची में उन्हें सबसे ऊपर रखना स्वाभाविक था।
NDTV को दिए एक खास साक्षात्कार में मिशेल ने सलाह दी है कि हत्या के आरोपी मरीन को अगर नहीं लौटाया गया तो इतावली सरकार "कुछ ऐसा कर सकती है" जो भारत को "अच्छा न लगे"। उसने कहा कि यह "अप्रिय" कदम नरेंद्र मोदी और इतावली प्रधानमंत्री मातेरो रेंज़ी की "मुलाकात की स्वीकारोक्ति" भी हो सकता है। दोनों सरकारों ने इस बात का सिरे से खण्डन किया है कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की न्यूयार्क में यूएन कांफ्रेंस के दौरान ऐसी कोई मुलाकात हुई भी थी जिसमें भारत में हत्या के आरोपी इतावली मरीनों को लौटाने के बदले अगस्ता हेलिकॉप्टर डील से संबंधित ऐसी जानकारी देने का कथित प्रस्ताव था जो कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की भूमिका की बता सके।
हालांकि मिशेल ने जोर दिया कि कथित मुलाकात हुई थी जबकि सरकारों ने सिर्फ औपचारिक तौर पर मुलाकात को नकारा है। मिशेल ने माना कि न्यूयार्क में यूएन कांफ्रेंस के दौरान ऐसी कोई मुलाकात नहीं हुई थी। "मैं उस अनौपचारिक मुलाकात के बारे में कह रहा हूं जिसे आधिकारिक तौर पर आसानी से नकारा जा सकता है। " उसने दावा किया कि ये जानकारी उसे अगस्ता की मूल कम्पनी फिन्नेक्कसिया से मिली जिसे भारत में इतावली दूतावास ने बताया। उसने मामले की संवेदनशीलता का हवाला देकर दूतावास के उन अधिकारियों का नाम बताने से इंकार कर दिया। दो इतालवी मरीनों पर 2012 में भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप है जबकि एक खराब स्वास्थ्य की वजह से इटली चला गया था दूसरा दिल्ली में ही है। इटली का कहना है कि मछुआरों ने मरीनों को समुद्री डाकू समझ लिया था।
मिशेल ने NDTV से कहा कि "वे (इटली) कांग्रेस के मरीन मामले में असहयोग से खुश नहीं हैं। इटली की सरकार नई है और उसके पास मरीन मामला सुलझाने का मौका है। मुलाकात में मामला सुलझाने के लिए जो सलाह दी गई उसके लिए ये मानना पड़ता कि श्रीमती गांधी इसमें शामिल थीं जबकि ऐसा नहीं था। मैं जानता हूं कि ये थोड़ा जटिल होगा। भारत द्वारा इतावली नौसैनिक वापस भेजे जाने की संभावना पर मिशेल ने कहा कि जब बातचीत का आधार ही गलत हो तो बातचीत सफल नहीं हो सकती पीएम बहुत बुरी स्थिति में हैं यदि वे नौसैनिकों को वापस भेजते हैं तो उन पर मुलाकात करने के आरोप लग जाएंगे नहीं तो इटली सरकार उनसे नाराज होकर मुलाकात सार्वजनिक कर देगी।
अगस्ता वेस्टलैंड डील मामले में कथित रूप से बिचौलिए की रिश्वत देने में भूमिका का मामला मिलान कोर्ट के फैसले के बाद फिर से सुर्खियों में आ गया था।पिछले महीने ही मिलान के एक कोर्ट ने अगस्ता के कुछ सलाहकारों और अधिकारियों के पत्रों और नोट्स के आधार पर निष्कर्ष दिया था कि मामले में रिश्वत दी गई थी । मिशेल ने माना कि उनमें से एक दस्तावेज उसका है जिसमें बड़े नेताओं के लिए हेलीकॉप्टर लेने के लिए सोनिया गांधी को निर्णय लेने में " संचालक शक्ति " बताया था। " उसने जोर दिया कि श्रीमती गांधी को कोई रिश्वत नहीं दी गई और उनकी शक्ति को देख कर लामबंदी की सूची में उन्हें सबसे ऊपर रखना स्वाभाविक था।
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