नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केरल में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले में इटली के दो नौसैनिकों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच की जाएगी। हालांकि इटली ने इसे लेकर आपत्ति जताई थी और कहा था कि यह मामला एनआईए के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। कोर्ट ने कहा है कि यह तय करना सरकार का काम है कि वह किस जांच एजेंसी से जांच करवाती है। अदालत इस मामले में दखल नहीं देगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी मरीनों के खिलाफ विशेष अदालत रोजाना आधार पर सुनवाई करे।
इटली ने अपने दो नौसैनिकों के खिलाफ दर्ज मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की जांच के अधिकार पर सवाल उठाया था। इटली की इस दलील को सरकार ने ठुकराते हुए सुनवाई की पिछली तारीख पर न्यायालय को भरोसा दिलाया था कि यह जांच 60 दिन के भीतर पूरी हो जाएगी। इटली और उसके दोनों सैनिकों ने दलील दी थी कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी को जांच का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उनके खिलाफ एनआईए कानून के तहत आरोप दर्ज नहीं किए गए हैं।
इन नौसैनिकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि एनआईए सिर्फ उन्हीं मामलों की जांच कर सकता है, जिनमें 'सप्रेशन ऑफ अनलॉफुल एक्ट्स अगेन्स्ट सेफटी ऑफ मैरीटाइम नेवीगेशन एंड फिक्सड प्लेटफार्मस ऑन कांटीनेन्टल शेल्फ एक्ट 2002 के तहत आरोप दर्ज होने पर ही जांच कर सकती है। उनका कहना था कि शीर्ष अदालत के फैसले के आलोक में अब ऐसा नहीं हो सकता है।
अटॉर्नी जनरल गुलाम वाहनवती ने इस दलील पर आपत्ति करते हुए कहा था कि एनआईए इस मामले की जांच कर सकती है और उन्होंने 60 दिन के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया था। ये दोनों नौसैनिक मैसीमिलिआनो लातोरे और साल्वातोरे गिरोने इटली के जहाज 'एंरिका लेक्सी' पर सवार थे. जब उन्होंने पिछले साल 15 फरवरी को केरल तट से दूर दो भारतीय मछुआरों को कथित रूप से गोली मार दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी मरीनों के खिलाफ विशेष अदालत रोजाना आधार पर सुनवाई करे।
इटली ने अपने दो नौसैनिकों के खिलाफ दर्ज मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की जांच के अधिकार पर सवाल उठाया था। इटली की इस दलील को सरकार ने ठुकराते हुए सुनवाई की पिछली तारीख पर न्यायालय को भरोसा दिलाया था कि यह जांच 60 दिन के भीतर पूरी हो जाएगी। इटली और उसके दोनों सैनिकों ने दलील दी थी कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी को जांच का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उनके खिलाफ एनआईए कानून के तहत आरोप दर्ज नहीं किए गए हैं।
इन नौसैनिकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि एनआईए सिर्फ उन्हीं मामलों की जांच कर सकता है, जिनमें 'सप्रेशन ऑफ अनलॉफुल एक्ट्स अगेन्स्ट सेफटी ऑफ मैरीटाइम नेवीगेशन एंड फिक्सड प्लेटफार्मस ऑन कांटीनेन्टल शेल्फ एक्ट 2002 के तहत आरोप दर्ज होने पर ही जांच कर सकती है। उनका कहना था कि शीर्ष अदालत के फैसले के आलोक में अब ऐसा नहीं हो सकता है।
अटॉर्नी जनरल गुलाम वाहनवती ने इस दलील पर आपत्ति करते हुए कहा था कि एनआईए इस मामले की जांच कर सकती है और उन्होंने 60 दिन के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया था। ये दोनों नौसैनिक मैसीमिलिआनो लातोरे और साल्वातोरे गिरोने इटली के जहाज 'एंरिका लेक्सी' पर सवार थे. जब उन्होंने पिछले साल 15 फरवरी को केरल तट से दूर दो भारतीय मछुआरों को कथित रूप से गोली मार दी थी।
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