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This Article is From Sep 08, 2019

Chandrayaan 2: ISRO ने बताई वजह- क्यों चंद्रयान-2 के लैंडर 'विक्रम' की चंद्रमा पर नहीं हो सकी होगी 'सॉफ्ट लैंडिंग'

इसरो (ISRO) के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि आखिर उस समय चांद पर क्या हुआ होगा, जिससे लैंडर विक्रम (Lander Vikram) का संपर्क टूट गया.

Chandrayaan 2: ISRO ने बताई वजह- क्यों चंद्रयान-2 के लैंडर 'विक्रम' की चंद्रमा पर नहीं हो सकी होगी 'सॉफ्ट लैंडिंग'
लैंडर विक्रम (Lander Vikram) का इसरो (ISRO) से उस समय संपर्क टूट गया, जब वह चंद्रमा की सतह से 2 किलोमीटर की दूरी पर था.
नई दिल्ली:

भारत के मून लैंडर विक्रम (Lander Vikram) का इसरो (ISRO) से उस समय संपर्क टूट गया था, जब वह चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था. इस बीच चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) को लेकर इसरो प्रमुख के. सीवन (K Sivan) ने रविवार को एक बेहद अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर (Vikram Lander) का पता लगा लिया है. ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल इमेज भी खींची है, लेकिन ऑर्बिटर का उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया. न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए इसरो प्रमुख ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर का पता लगा लिया है. उसने लैंडर की थर्मल इमेज भी खींची है, लेकिन ऑर्बिटर का उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया. हम लोग संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. जल्द ही उससे संपर्क स्थापित हो जाएगा.'

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इस बीच इसरो के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि आखिर उस समय चांद पर क्या हुआ होगा, जिससे लैंडर विक्रम (Lander Vikram) का इसरो (ISRO) से उस समय संपर्क टूट गया. उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह पर विक्रम की 'हार्ड लैंडिंग' ने दोबारा संपर्क कायम करने को मुश्किल बना दिया है, क्योंकि यह सहजता से और अपने चार पैरों के सहारे नहीं उतरा होगा. उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह से टकराने के चलते लगे झटकों के चलते लैंडर को नुकसान पहुंचा होगा. लैंडर को पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह (चंद्रमा) पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' के लिए और एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के करीब 14 दिनों के बराबर) काम करने के लिए डिजाइन किया गया था.

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अभियान से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा...यह मुश्किल होगा (संपर्क बहाल करना).' उन्होंने कहा कि हालांकि, सही अनुकूलन के साथ यह अब भी ऊर्जा पैदा कर सकता है और सौर पैनल के जरिए बैटरियों को रिचार्ज कर सकता है. उन्होंने कहा, 'लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा संभावना कम होती चली जाएगी.'

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बता दें कि इसरो द्वारा चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की 'सॉफ्ट लैंडिंग' का अभियान शनिवार को अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था और चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर उसका संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया था. चंद्रमा पर खोज के लिए देश के दूसरे मिशन का सबसे जटिल चरण माने जाने के दौरान लैंडर चंद्रमा की सतह पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' के बिलकुल करीब था, जब इससे संपर्क टूट गया. चंद्रयान-2 के लैंडर का वजन 1,471 किग्रा है. 

VIDEO: ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर का पता लगाया​

इनपुट: (भाषा से भी)

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