फिलिस्तीनी समूह हमास के इजारायल पर "आश्चर्यजनक" हमला करने और 500 से अधिक रॉकेट दागने की घटना के एक महीने बाद इजरायल के रक्षा मंत्री ने सोमवार को दावा किया कि हमास ने "गाजा में नियंत्रण खो दिया है."
रक्षा मंत्री ने दावे के समर्थन में कोई सबूत दिए बिना कहा, "हमास ने गाजा पर नियंत्रण खो दिया है. आतंकवादी दक्षिण की ओर भाग रहे हैं. नागरिक हमास के ठिकानों को लूट रहे हैं." इज़रायल के मुख्य टीवी स्टेशनों पर प्रसारित एक वीडियो में गैलेंट ने कहा, "उन्हें अब सरकार पर भरोसा नहीं है."
इजरायल के ताजा आंकड़ों के अनुसार सात अक्टूबर को हमास के लड़ाकों द्वारा इजरायल से लगी सीमा से घुसपैठ करने के बाद अब तक का सबसे खूनी गाजा युद्ध छिड़ गया. इससे इजारायल में लगभग 1200 लोग मारे गए. इनमें ज्यादातर आम नागरिक थे और लगभग 240 लोगों को बंधक बना लिया गया.
हमास द्वारा संचालित गाजा पट्टी के उप स्वास्थ्य मंत्री यूसुफ अबू रिश ने कहा कि ऊर्जा की कमी के कारण क्षेत्र के उत्तर में सभी अस्पताल "सेवाएं देने में अक्षम" हैं. अबू रिश ने कहा कि गाजा के सबसे बड़े अल-शिफा अस्पताल में हाल के दिनों में सात नवजात बच्चों और 27 मरीजों की मौत हो गई है.
गाजा लगभग पूरी तरह से इजरायली घेराबंदी के अधीन है और भोजन, ईंधन और अन्य बुनियादी आपूर्ति की कमी है. फ़िलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद शतयेह ने सोमवार को यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र से गाजा में "पैराशूट सहायता" का आह्वान किया.
इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी मीडिया को बताया कि गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को मुक्त कराने के लिए एक समझौता किया जा सकता है, लेकिन उन्होंने संभावित योजना के विफल होने के डर से विवरण देने से इनकार कर दिया.
एनबीसी शो "मीट द प्रेस" में यह पूछे जाने पर कि क्या कोई संभावित डील है, नेतन्याहू ने जवाब दिया- "हो सकता है." हालांकि गाजा में एक फ़िलिस्तीनी अधिकारी ने "कई कैदियों की रिहाई पर प्रारंभिक समझौते तक पहुंचने में देरी और बाधाओं के लिए" नेतन्याहू को दोषी ठहराया.
सेना ने कहा कि रविवार को सीमा के पास आने वाली एंटी-टैंक मिसाइल से इजरायली नागरिकों के घायल होने के बाद इजरायली लड़ाकू विमानों ने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले किए.
आठ अक्टूबर के बाद से क्षेत्रीय संघर्ष की बढ़ती आशंकाओं के बीच इज़रायल ने दक्षिणी लेबनान में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह और अन्य समूहों के खिलाफ लगभग रोज ही गोलीबारी की है.
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