- दिल्ली पुलिस और सेंट्रल एजेंसियों ने 5 राज्यों से ISIS के स्लीपर मॉड्यूल से जुड़े 5 आतंकी गिरफ्तार किए हैं.
- पुलिस के मुताबिक, ये गजवा-ए-हिंद के नाम पर केमिकल और फिदायीन हमलों की तैयारी कर रहे थे.
- ये गैंग Signal ऐप से संपर्क में रहता था. गैंग का मास्टरमाइंड 'कंपनी CEO' बनकर बात करता था.
टीम: ISIS टेरर मॉड्यूल के 5 आतंकी.
प्लानः कम से कम 2 फिदायीन बनने को तैयार.
टारगेटः मकसद टारगेट किलिंग को अंजाम देना. निशाने पर देश के कुछ बड़े राइट विंग लीडर
मिशन 'गजवा-ए-हिंद' के नाम पर खून की होली खेला जाना था. साजिश पाकिस्तान में बैठे आकाओं की था. लेकिन सतर्क सुरक्षा एजेंसियों ने इनके नापाक मंसूबे नाकाम कर दिए. देश के 5 राज्यों से ISIS स्लीपर मॉड्यूल से जुड़े 5 आतंकी गिरफ्तार किए गए हैं. केमिकल बम और IED धमाकों से दहशत फैलाने की साजिश रच रहे ISIS टेरर मॉड्यूल की 'टीम-5' की कहानी भी कम चौंकाने वाली नहीं है.
फिदायीन हमले, सुसाइड जैकेट
स्पेशल सेल और सेंट्रल एजेंसी के 5 राज्यों में चलाए गए ऑपरेशन में गिरफ्तार 5 आतंकियों की पूछताछ से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. बताया गया है कि गिरफ्तार आतंकियों में से कुछ फिदायीन बनने को तैयार हो चुके थे. आतंकियों की चैट्स से खुलासा हुआ है ये टारगेट किलिंग की वारदात को अंजाम देने वाले थे. इनके निशाने पर कुछ राइट विंग लीडर थे. आत्मघाती हमलों के लिए सुसाइड जैकेट भी बनाई जा रही थी.

दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में संदिग्ध आतंकी
टेरर मॉड्यूल की 'टीम-5'
- दानिश - उम्र 23 साल, निवासी रांची: कथित मास्टरमाइंड, IED बनाने में माहिर, IED बम टेस्ट करते वक्त घायल भी हुआ था.
- हुजैफा यमन - उम्र 20 साल, निवासी तेलंगाना: बी. फार्मा का छात्र. हथियारों और गोला-बारूद बनाने में दानिश की मदद करता था.
- कामरान कुरैशी - उम्र 25 साल, निवासी मध्य प्रदेश: यह भी मॉड्यूल का एक एक्टिव मेंबर था.
- आफताब कुरैशी (25 साल, महाराष्ट्र): कल्याण मुंबई का रहने वाला आफताब निजामुद्दीन स्टेशन से अबू सूफियान के साथ गिरफ्तार हुआ.
- अबू सूफियान - उम्र 20 साल, निवासी महाराष्ट्र: मुंब्रा मुंबई निवासी, जो आफताब के साथ हथियारों की खरीद-फरोख्त में शामिल था.
ISIS मॉड्यूल का मकसद
पुलिस के मुताबिक, इस आतंकी गैंग का मेन मकसद भारत में इस्लामिक खिलाफत (इस्लामी शासन) स्थापित करना और 'गजवा-ए-हिंद' का लक्ष्य हासिल करना था. इसके लिए ये आतंकी झारखंड में एक खुफिया ट्रेनिंग कैंप बनाने के लिए जमीन की तलाश में थे. इनके निशाने पर कुछ दक्षिणपंथी (राइट विंग) नेता थे, जिनकी ये टारगेट किलिंग की तैयारी कर रहे थे. ये लोग ऐसे लोगों की तलाश में थे, जो धमाकों और टारगेट किलिंग को अंजाम दे सकें.
पाकिस्तान से मिल रहे थे आदेश
बताया जा रहा है कि इस मॉड्यूल में करीब 40 मेंबर थे, लेकिन आतंकी गतिविधियों की जानकारी सिर्फ 5 को ही थी. बेंगलुरु इलाके से 11 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया थे, लेकिन सबूत न मिलने पर 7 को छोड़ दिया गया. अभी इस मॉड्यूल में कुछ और लोग भी शामिल हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. पुलिस के मुताबिक, इस मॉड्यूल को पाकिस्तान के एक हैंडलर से निर्देश और हवाला के जरिए फंडिंग मिल रही थी.
कंपनी के CEO बनकर करते थे भर्ती
ये पूरा गैंग Signal ऐप के जरिये संपर्क में रहता था. सूत्रों के मुताबिक, इनका एक 'एंट्रेंस इंटरव्यू' नाम से एक चैट ग्रुप भी थी, जिसमें गैंग का मास्टरमाइंड खुद को 'कंपनी CEO' बनकर बात करता था. ग्रुप के लोग कोड वर्ड में बातें करते थे. खुद को किसी कॉरपोरेट कंपनी की तरह दिखाते थे. ऑपरेशन की फंडिंग हवाला के जरिए हो रही थी.
क्या-क्या बरामद हुआ
आतंकियों के पास से 3 पिस्तौल, बड़ी मात्रा में कारतूस, 4 चाकू के अलावा केमिकल हथियार व IED बनाने में इस्तेमाल होने वाले हाइड्रोक्लोरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, सोडियम बाइकार्बोनेट और सल्फर पाउडर जैसे केमिकल बरामद हए हैं. इसके अलावा पीएच वैल्यू चेकर, बॉल बियरिंग्स, तराजू, बीकर सेट, सेफ्टी ग्लव्स, रेस्पिरेटरी मास्क भी जब्त किए गए हैं. कैश भी मिला है.
IED टेस्टिंग में दानिश घायल
स्पेशल सेल के मुताबिक, दानिश दिल्ली-एनसीआर से हथियार जुटाने की कोशिश कर रहा था. इसके अलावा वह केमिकल दुकानों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से केमिकल्स भी इकट्ठा कर रहा था. सूत्रों के मुताबिक, एक आईईडी की टेस्टिंग के दौरान ब्लास्ट होने से वह घायल भी हो गया था. उसने झारखंड में गुप्त ट्रेनिंग कैंप के लिए ज़मीन तलाशने की कोशिश भी की थी.
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