नई दिल्ली:
इशरत जहां मामले से जुड़े गृह मंत्रालय के शपथपत्रों (एफिडेविटों), जिनके चलते नई राजनैतिक लड़ाई छिड़ चुकी है, के लिए उत्तरदायी सरकारी अधिकारी ने आरोप लगाया है कि उसे सीबीआई ने सिगरेटों से जलाया, और इस हद तक परेशान किया कि उसने इस्तीफा देने का इरादा बना लिया था।
केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का आरोप है कि पूर्व गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने नरेंद्र मोदी (जो उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे) को निशाना बनाने तथा अन्य राजनैतिक कारणों से इशरत जहां मामले में सच्चाइयों को छिपाया या गलत तरीकों से पेश किया। बीजेपी के इन आरोपों का आधार दो एफिडेविट हैं।
पी. चिदम्बरम के गृहमंत्रित्व काल में मंत्रालय में तैनात रहे पूर्व अंडर-सेक्रेटरी आरवीएस मणि ने बुधवार को कहा, "वर्ष 2013 में मुझे बहुत परेशान किया गया..." मणि के अनुसार, उन्हें सीबीआई अधिकारी सतीश वर्मा ने यातनाएं दीं।
अब सेवानिवृत्त हो चुके नौकरशाह ने बताया, "उसने... (सतीश वर्मा ने) पहले अनर्गल बातें कीं... फिर... फिर उसने सिगरेट के टुकड़े मेरी जांघ पर रगड़े..."
गुजरात पुलिस द्वारा 19-वर्षीय इशरत जहां समेत चार लोगों के मारे जाने को लेकर गृह मंत्रालय ने वर्ष 2009 में गुजरात हाईकोर्ट में जो दो एफिडेविट दाखिल किए थे, उन पर आरवीएस मणि का ही नाम था। पुलिस का दावा था कि वे चारों लोग राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की साजिश रचकर आए आतंकवादी थे।
लेकिन आरवीएस मणि का कहना है कि उन्होंने सिर्फ 6 अगस्त वाले पहले एफिडेविट को तैयार किया था, जिसमें खुफिया तथा मीडिया रिपोर्टों के हवाले से बताया गया था कि इशरत जहां 'लश्कर-ए-तैयबा की महिला आतंकवादी' है।
अगले ही महीने एक संशोधित एफिडेविट कोर्ट में दाखिल किया गया, जिसमें लिखा था कि इशरत को आतंकवादी साबित करने वाला कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
मणि ने कहा, "मैंने पहला एफिडेविट फाइल किया था, जिसे गृहमंत्री तथा गृह सचिव ने मंजूरी दी थी... दूसरे एफिडेविट की क्या ज़रूरत थी, यह मुझे नहीं मालूम..." मणि का आरोप है कि सीबीआई ने उनसे यह कहलवाने की कोशिश की थी कि उन्होंने पहला एफिडेविट इंटेलिजेंस ब्यूरो के दबाव में तैयार किया था।
अधिकारी ने आरोप लगाया है कि उन्हें सीबीआई ने 'परेशान किया और पीछा करते रहे...' यही शिकायत मणि ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से लिखित में भी की है।
तत्कालीन गृह सचिव जीके पिल्लै ने भी आरोप लगाया है कि चिदम्बरम ने उन्हें दरकिनार किया, इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक कनिष्ठ अधिकारी को बुलवाया और इशरत वाला एफिडेविट 'पूरी तरह दोबारा लिखा...'
बीजेपी ने पी. चिदम्बरम पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी के इशारे पर यह जताया कि इशरत एक मासूम छात्रा थी, जिसे गुजरात सरकार के 'आशीर्वाद' से मार गिराया गया।
केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का आरोप है कि पूर्व गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने नरेंद्र मोदी (जो उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे) को निशाना बनाने तथा अन्य राजनैतिक कारणों से इशरत जहां मामले में सच्चाइयों को छिपाया या गलत तरीकों से पेश किया। बीजेपी के इन आरोपों का आधार दो एफिडेविट हैं।
पी. चिदम्बरम के गृहमंत्रित्व काल में मंत्रालय में तैनात रहे पूर्व अंडर-सेक्रेटरी आरवीएस मणि ने बुधवार को कहा, "वर्ष 2013 में मुझे बहुत परेशान किया गया..." मणि के अनुसार, उन्हें सीबीआई अधिकारी सतीश वर्मा ने यातनाएं दीं।
अब सेवानिवृत्त हो चुके नौकरशाह ने बताया, "उसने... (सतीश वर्मा ने) पहले अनर्गल बातें कीं... फिर... फिर उसने सिगरेट के टुकड़े मेरी जांघ पर रगड़े..."
गुजरात पुलिस द्वारा 19-वर्षीय इशरत जहां समेत चार लोगों के मारे जाने को लेकर गृह मंत्रालय ने वर्ष 2009 में गुजरात हाईकोर्ट में जो दो एफिडेविट दाखिल किए थे, उन पर आरवीएस मणि का ही नाम था। पुलिस का दावा था कि वे चारों लोग राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की साजिश रचकर आए आतंकवादी थे।
लेकिन आरवीएस मणि का कहना है कि उन्होंने सिर्फ 6 अगस्त वाले पहले एफिडेविट को तैयार किया था, जिसमें खुफिया तथा मीडिया रिपोर्टों के हवाले से बताया गया था कि इशरत जहां 'लश्कर-ए-तैयबा की महिला आतंकवादी' है।
अगले ही महीने एक संशोधित एफिडेविट कोर्ट में दाखिल किया गया, जिसमें लिखा था कि इशरत को आतंकवादी साबित करने वाला कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
मणि ने कहा, "मैंने पहला एफिडेविट फाइल किया था, जिसे गृहमंत्री तथा गृह सचिव ने मंजूरी दी थी... दूसरे एफिडेविट की क्या ज़रूरत थी, यह मुझे नहीं मालूम..." मणि का आरोप है कि सीबीआई ने उनसे यह कहलवाने की कोशिश की थी कि उन्होंने पहला एफिडेविट इंटेलिजेंस ब्यूरो के दबाव में तैयार किया था।
अधिकारी ने आरोप लगाया है कि उन्हें सीबीआई ने 'परेशान किया और पीछा करते रहे...' यही शिकायत मणि ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से लिखित में भी की है।
तत्कालीन गृह सचिव जीके पिल्लै ने भी आरोप लगाया है कि चिदम्बरम ने उन्हें दरकिनार किया, इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक कनिष्ठ अधिकारी को बुलवाया और इशरत वाला एफिडेविट 'पूरी तरह दोबारा लिखा...'
बीजेपी ने पी. चिदम्बरम पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी के इशारे पर यह जताया कि इशरत एक मासूम छात्रा थी, जिसे गुजरात सरकार के 'आशीर्वाद' से मार गिराया गया।
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