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भारत-अमेरिका ट्रेड डील : AEPC के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा- रेसिप्रोकल टैरिफ घटाने पर बन सकती है सहमति

Apparel Export Promotion Council का आंकलन है कि अमेरिका के साथ BTA, UK के साथ Free Trade Agreement (FTA) और EU के साथ FTA जब पूरी तरह लागू होगा तो भारत से अलग अलग देशों में कपड़ों का कुल निर्यात का कारोबार 2030 तक मौजूदा 16 बिलियन डॉलर से बढ़कर 40 बिलियन डॉलर तक  पहुंच सकता है.

भारत-अमेरिका ट्रेड डील : AEPC के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा- रेसिप्रोकल टैरिफ घटाने पर बन सकती है सहमति

भारत और अमेरिका के बीच "अंतरिम ट्रेड डील" पर दोनों देशों के बीच बातचीत अब निर्णायक दौर में है और 9 जुलाई की डेडलाइन से पहले प्रस्तावित डील के फाइनल होने की उम्मीद है. इस बीच इस डील को लेकर भारत में एक्सपोर्टरों की उत्सुकता बढ़ती जा रही है.

एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में Apparel Export Promotion Council (AEPC) के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा, "हमारी वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ मीटिंग हुई है. हमें उम्मीद है कि अमेरिका Apparel जैसे Labour-intensive सेक्टर में Reciprocal Tariff घटाने को राज़ी होगा. भारत सरकार इसकी पूरी कोशिश कर रही है".

AEPC चेयरमैन सेखरी कहते हैं कि प्रस्तावित "अंतरिम ट्रेड डील" के तहत कपड़ों (Apparel) के अलग-अलग प्रोडक्ट्स पर Differential टैरिफ रेट तय होने की संभावना है. सेखरी ने एनडीटीवी से कहा, "हमें एक अच्छी डील की उम्मीद है. हमारा आंकलन है की "अंतरिम ट्रेड डील" और Bilateral Trade Agreement (BTA) के लागू होने और MFN टैरिफ हटने से भारत से अमेरिका कपड़ों का निर्यात मौजूद 5.2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 15 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है".

Apparel Export Promotion Council का आंकलन है कि अमेरिका के साथ BTA, UK के साथ Free Trade Agreement (FTA) और EU के साथ FTA जब पूरी तरह लागू होगा तो भारत से अलग अलग देशों में कपड़ों का कुल निर्यात का कारोबार 2030 तक मौजूदा 16 बिलियन डॉलर से बढ़कर 40 बिलियन डॉलर तक  पहुंच सकता है.

उधर फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (FIEO) का अनुमान है कि भारत और अमेरिका के बीच Trade Deal फाइनल होने के बाद अगले 3 साल में भारत से अमेरिका एक्सपोर्ट दोगुना तक बढ़ जाएगा. FIEO के मुताबिक "अंतरिम ट्रेड डील" लागू होने के बाद भारत से अमेरिका एक्सपोर्ट होने वाले अधिकतर एक्सपोर्ट गुड्स पर tariff 0% हो जाएगा, इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय एक्सपोर्टरों का कॉम्पिटेटिव एडवांटेज काफी बढ़ जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक अमेरिका इस बात पर अड़ा हुआ है कि भारत कृषि और dairy उत्पादों पर टैरिफ घटाए लेकिन भारत की इस पर अपनी संवेदनशीलताएं हैं.

दूसरी तरफ ऑटो कंपोनेंट्स के एक्सपोर्ट पर भारत अमेरिका पर टैरिफ घटाने के लिए दबाव बढ़ा रहा है, लेकिन अमेरिका इस पर फिलहाल भारत की मांग को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. साथ ही, स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर टैरिफ घटाने को लेकर भी अमेरिका की अपनी चिंताएं हैं.

फिलहाल प्रस्तावित "अंतरिम ट्रेड डील" पर अमेरिका के साथ बातचीत करने अमेरिका गए चीफ negotiator राजेश अग्रवाल पिछले हफ्ते भारत लौटने वाले थे, लेकिन उन्होंने अपनी भारत लौटने का प्लान टाल दिया है. राजेश अग्रवाल अब भी अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं.

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