विज्ञापन

अमेरिकी टैरिफ से भारतीय जेनेरिक दवा उद्योग को नहीं होगा कोई नुकसान: पूर्व ICMR चीफ डॉ एन के गांगुली

Trump tariff Impact on Indian pharmaceutical sector: डॉ गांगुली ने कहा कि अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने से भारत को कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि इससे अमेरिका के लोगों को महंगी दवाएं खरीदनी पड़ेंगी.

अमेरिकी टैरिफ से भारतीय जेनेरिक दवा उद्योग को नहीं होगा कोई नुकसान:  पूर्व ICMR चीफ डॉ एन के गांगुली
US tariff on India: अमेरिकी बाजार में 7 अगस्त से भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत शुरुआती ड्यूटी लागू हो चुकी है.
नई दिल्ली:

भारत दुनिया के 80 प्रतिशत से ज्यादा जेनेरिक दवाओं का सप्लायर है, और इसी वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ का उस पर कोई बड़ा असर नहीं होगा. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के पूर्व महानिदेशक डॉ एन के गांगुली ने यह बात कही है. उनका मानना है कि टैरिफ बढ़ाने से नुकसान उसी देश को होता है जो यह बढ़ोतरी करता है, क्योंकि भारत बेहद कम कीमत पर हाई क्वालिटी वाली दवाएं उपलब्ध कराता है.

भारत सस्ती दवाओं का सबसे बड़ा सप्लायर

डॉ गांगुली ने बताया कि यूरोप और उत्तरी अमेरिका जैसे देशों में दवाओं के दाम बहुत ज्यादा होते हैं और वहां जेनेरिक दवाओं का उत्पादन लगभग नहीं होता. वजह यह है कि इसके लिए ज्यादा श्रम, बड़ी फैक्ट्री और अधिक लागत की जरूरत होती है. ऐसे में ये देश भारत जैसे सप्लायर पर निर्भर रहते हैं, जो कम कीमत पर दवाएं बनाकर निर्यात करता है.

टैरिफ से अमेरिका को होगा ज्यादा नुकसान

उनका कहना है कि अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने से भारत को कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि इससे अमेरिका के लोगों को महंगी दवाएं खरीदनी पड़ेंगी. भारत ने जीवनरक्षक दवाओं पर पहले से ही टैरिफ कम कर रखा है ताकि जरूरतमंद देश इन्हें आसानी से खरीद सकें. ऐसे में भारत की दवाएं अब भी ग्लोबल मार्केट में सबसे सस्ती रहेंगी.

दवा कीमत नियंत्रण से मिलती है सस्ती दवा

डॉ गांगुली ने कहा कि भारत में दवाएं सस्ती इसलिए हैं क्योंकि यहां सरकार दवा निर्माण के लिए मूल्य निर्धारण नीति अपनाती है. साथ ही ‘प्रधानमंत्री जन औषधि योजना' जैसी योजनाओं के तहत सरकारी फार्मेसियों में कम दाम पर दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, जिससे आम लोगों को राहत मिलती है.

अन्य भारतीय निर्यात पर असर

हालांकि अमेरिकी बाजार में 7 अगस्त से भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत शुरुआती ड्यूटी लागू हो चुकी है और 27 अगस्त से अतिरिक्त शुल्क भी लग जाएगा. इससे झींगा, ऑर्गेनिक केमिकल्स, कालीन और परिधान जैसे उत्पाद महंगे हो जाएंगे. लेकिन दवा क्षेत्र में भारत अपनी मजबूत पकड़ और सस्ती कीमतों के कारण सुरक्षित है.

भारत के लिए यह स्थिति एक तरह से सकारात्मक है, क्योंकि दुनिया भर के देश अब भी सस्ती और भरोसेमंद जेनेरिक दवाओं के लिए भारत पर निर्भर रहेंगे.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com