इंदौर के एक अनाथालय के काले कारनामों का पर्दाफाश हो गया है. बच्चों के साथ हो रहे उत्पीड़न का पता तब चला जब चाइल्ड वेलफेयर कमेटी द्वारा 12 जनवरी को अनाथालय में सरप्राइज विजिट की. इंदौर के इस आश्रम में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा और मध्य प्रदेश के 21 बच्चे रहे रहे थे, जिनके साथ कथित तौर पर वहां के कर्मचारी द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा था. पुलिस अब मामले की तहकीकात कर रही है.
सोर्स के मुताबिक बच्चों ने अधिकारियों को बताया कि स्टाफ उन्हें छोटी-छोटी गलतियों पर प्रताड़ित करता था. अधिकारी ने कहा, ''एक बच्चे ने टीम को बताया कि उन्हें उल्टा लटकाया जाता था, गर्म लोहे से दागा जाता था और कपड़े उतार कर तस्वीरें खींची जाती थीं.'' इतना ही नहीं बच्चों को जबरदस्ती जलती हुई लाल मिर्च का धुआं भी सुंघाया जाता था.
इस पर पुलिस ने अनाथालय के पांच कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर में लिखा है, ''एक चार साल के बच्चे को पैंट गिली करने के बाद बाथरूम में दो-तीन दिनों के लिए बंद कर दिया और उसे इस दौरान खाना भी नहीं दिया था''.
यह मामला सीईसी द्वारा दायर एक शिकायर के आधार पर दर्ज किया गया है. इंदौर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सिंह ने कहा, ''अनाथालय को तुरंत सील कर लिया गया है और बच्चों को सरकारी सुविधाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है''. पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सिंह ने कहा कि, ''कथित दुर्व्यवहार के आरोपों की जांच की जा रही है।"
पुलिस ने बताया कि सीडब्ल्यूसी टीम ने अपनी शिकायत में बच्चों की चोटों की तस्वीरें भी सौंपी हैं. यह सुविधा वात्सल्यपुरम जैन ट्रस्ट संचालित कर रहा था, जिसके अनाथालय बेंगलुरु, सूरत, जोधपुर और कोलकाता में भी हैं.
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