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31 अक्टूबर 1984: इंदिरा गांधी को साड़ी जो उन्होंने हत्या वाले दिन पहनी थी

आज वह घर, जहां इंदिरा गांधी ने अपने जीवन के आखिरी पल बिताए थे, इंदिरा गांधी स्मृति संग्रहालय के रूप में हर दिन सैकड़ों लोगों को उस दौर में ले जाता है. दिल्ली के हरे-भरे दिल में बसा यह घर अब भी उसी तरह सजा हुआ है जैसे इंदिरा ने छोड़ा था.

31 अक्टूबर 1984: इंदिरा गांधी को साड़ी जो उन्होंने हत्या वाले दिन पहनी थी
फाइल फोटो
  • इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर 1984 की सुबह उनके दो सुरक्षाकर्मियों ने सफदरजंग रोड पर की थी
  • इंदिरा गांधी स्मृति संग्रहालय में उनका अंतिम निवास स्थान और जीवन के निजी क्षण आज भी संजोए गए हैं
  • इस संग्रहालय में वह साड़ी भी रखी है जो इंदिरा गांधी ने हत्या के दिन पहनी थी
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नई दिल्ली:

31 अक्टूबर 1984 की वही सुबह जब देश की राजनीति और इतिहास, दोनों ने अपनी दिशा बदलते देखी. ठीक सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर 1, सफदरजंग रोड पर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर उनके ही दो सुरक्षाकर्मियों ने गोलियां दाग दी थीं. कुछ ही घंटों में, देश ने इंदिरा को खो दिया था.

आज वह घर जहां इंदिरा गांधी ने अपने जीवन के आखिरी पल बिताए थे, इंदिरा गांधी स्मृति संग्रहालय के रूप में हर दिन सैकड़ों लोगों को उस दौर में ले जाता है. दिल्ली के हरे-भरे दिल में बसा यह घर अब भी उसी तरह सजा हुआ है जैसे इंदिरा ने छोड़ा था. वही फर्नीचर, वही किताबें, वही तस्वीरें, और वही रास्ता जहां उन्होंने आखिरी बार कदम रखे थे.

वह रास्ता जहां पर इंदिरा गांधी को गोलियां मारी गई थीं.

वह रास्ता जहां पर इंदिरा गांधी को गोलियां मारी गई थीं.

संग्रहालय के भीतर एक कोना है — शांत, सादा और बेहद निजी. यहीं, हर सुबह इंदिरा गांधी अपनी दिनचर्या शुरू करती थीं. पूजा करतीं, कुछ पंक्तियां लिखतीं और फिर अपने काम में जुट जातीं. दीवारों पर टंगी उनकी और परिवार की तस्वीरें आज भी आगंतुकों को उस युग की सादगी का अहसास कराती हैं.

इंदिरा गांधी की शादी की साड़ी.

इंदिरा गांधी की शादी की साड़ी.

संग्रहालय के एक कक्ष में, कांच के भीतर सलीके से रखी है वो हल्के भूरे रंग की साड़ी, जो इंदिरा गांधी ने 31 अक्टूबर की सुबह पहनी थी. उसके धागों में आज भी इतिहास की एक करुण कहानी सिमटी है- उस गोलीबारी की, जिसने भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक नया अध्याय लिख दिया. इस संग्रहालय में वह साड़ी भी रखी गई है जिसे इंदिरा गांधी ने 26 मार्च 1942 को फ़िरोज़ गांधी से विवाह के समय पहना था. ये साड़ी विशेष थी क्योंकि इसे उनके पिता जवाहरलाल नेहरू ने जेल में रहते हुए ख़ुद सूत कातकर बनाया था.

जहां बीता गांधी परिवार का बचपन

इंदिरा गांधी का स्टडी रूम और दाएं पिता राजीव के साथ प्रियंका गांधी.

इंदिरा गांधी का स्टडी रूम और दाएं पिता राजीव के साथ प्रियंका गांधी.

यह वही घर है जहां छोटे राहुल, प्रियंका और वरुण गांधी ने अपना बचपन बिताया. यही आंगन, यही बरामदे उनके खेल के साथी रहे. यहीं उनके बचपन की यादें भी बसती हैं. संग्रहालय में रखी पारिवारिक तस्वीरें उन पलों को फिर से जीवंत कर देती हैं.

इंदिरा गांधी की वो साड़ी, जो उन्होंने हत्या वाले दिन पहनी थी 

इंदिरा गांधी की वह साड़ी, जो उन्होंने हत्या वाले दिन पहनी हुई थी.

इंदिरा गांधी की साड़ी

दो बार प्रधानमंत्री, एक बार कैबिनेट मंत्री

इंदिरा गांधी जब देश की प्रधानमंत्री बनीं, तो यही घर उनकी गतिविधियों का केंद्र रहा. इससे पहले, जब वे सूचना और प्रसारण मंत्री थीं, तब भी यही उनका सरकारी आवास था. यहीं से उन्होंने देश के लिए नीतियाँ बनाईं, निर्णय लिए, और हर राजनीतिक तूफ़ान का सामना किया.

देशभर से श्रद्धांजलि

आज, उनकी 41वीं पुण्यतिथि पर देशभर से लोग उन्हें याद कर रहे हैं. सुबह से ही 1, सफदरजंग रोड पर नेताओं और आम नागरिकों का तांता लगा है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने इंदिरा जी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए और मौन रखा.

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