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छह वर्षों के सबसे भीषण बिजली संकट का सामना कर रहा भारत, 10 खास बातें..

गर्मी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही भारत इस समय छह वर्षों में सबसे खराब बिजली संकट का सामना कर रहा है. गर्मी के बढ़ने के साथ ही एयर कंडीशनर और कूलर का इस्‍तेमाल बढ़ा है, इसके कारण बिजली की खपत बढ़ी है और पावर कट की नौबत आ रही है.

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गर्मी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही भारत इस समय छह वर्षों में सबसे खराब बिजली संकट का सामना कर रहा है. गर्मी के बढ़ने के साथ ही एयर कंडीशनर और कूलर का इस्‍तेमाल बढ़ा है, इसके कारण बिजली की खपत बढ़ी है और पावर कट की नौबत आ रही है.

बिजली संकट से जुड़ी 10 बातें

  1. भीषण गर्मी  के कारण एसी का उपयोग बढ़ने और कोविड प्रतिबंध हटने के बाद आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने के कारण बिजली की मांग रिकॉर्ड उच्‍च स्‍तर पर पहुंच गई है. 

  2. वर्ष 2020 में कोविड महामारी की दस्‍तक के बाद देश के लाखों लोग घर से काम कर रहे हैं इससे भी दिन मे आवासीय बिजली का उपयोग बढ़ गया है. 

  3. आमतौर पर बिजली की मांग और आपूर्ति में अंतर रात में होता है जब सूरज की रोशनी नहीं होती और एयर कंडीशनर का उपयोग बढ़ जाता है.  

  4. उत्‍पादन में वृद्धि के दबाव के कारण कई पावर प्‍लांट ईंधन की कमी का सामना कर  रहे हैं. 9 वर्षों में इस समय उपयोग के कोयले का स्‍टाक सबसे कम है. 

  5. कोल इंडिया की ओर से रिकॉर्ड उत्‍पादन के बावजूद, जिसमें घरेलू कोयले की ह‍िस्‍सेदारी 80 फीसदी है, कोयले की कमी का सामना इसलिए करना पड़ रहा है क्‍योंकि रेलवे ट्रेनों की पर्याप्‍त उपलब्‍धता न होने के कारण कोयले का स्‍टाक समय पर पहुंच नहीं पा रहा.  

  6. इस संकट ने भारत को थर्मल कोयले के आयात की नीति को पलटने के लिए मजबूर किया है और यूटिलिटी के लिए तीन साल तक कोयला आयात जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं. 

  7. अधिकारियों की बिजली की मांग पूरी करने में नाकामी के चलते कम से कम तीन राज्‍यों में फैक्‍टरियों को बंद करने की नौबत आई है. 

  8. रेलवे ने कोयले की आवाजाही के लिए पटरियों को खाली रखने के उद्देश्‍य से कुछ यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया है. 

  9. सरकार उन 100 कोल माइन्‍स को फिर से खोलने की तैयारी कर रही है जिन्‍हें पहले आर्थिक रूप से अस्थिर माना जाता था. 

  10. Energy intensive industries)को कोयले की आपूर्ति प्रतिबंधित थी. ऐसे में फैक्‍टरियों ने ग्रिड से बिजली खींचना प्रारंभ कर दी. इससे औद्योगिक लागत बढ़ी और कोयले से चलने वाले पावर प्‍लांट पर दबाव बढ़ गया.  


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