विज्ञापन
This Article is From Jan 15, 2024

दुश्मन से नफरत नहीं, देशप्रेम की वजह से आखिरी सांस तक लड़ता है भारतीय सैनिक: रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री ने भारतीय सैनिक के अद्वितीय चरित्र के बारे में बात की, जो देश के सांस्कृतिक मूल्यों में निहित है. उन्होंने देशभक्ति, साहस, मानवता और भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा को एक सैनिक के चार सबसे महत्वपूर्ण गुण बताए.

दुश्मन से नफरत नहीं, देशप्रेम की वजह से आखिरी सांस तक लड़ता है भारतीय सैनिक: रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
लखनऊ:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारतीय सैनिक दुश्मन से नफरत की वजह से अपनी आखिरी सांस तक नहीं लड़ता है, बल्कि देश प्रेम के कारण वह लड़ता है. लखनऊ में आयोजित सैन्य और युद्ध प्रदर्शन 'शौर्य संध्या' को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ''भारतीय सैनिक जब अपनी आखिरी सांस तक दुश्मन से लड़ता है, तो वह इसलिए नहीं लड़ता क्योंकि वह दुश्मन से नफरत करता है, बल्कि वह इसलिए लड़ता है क्योंकि वह अपने देश से प्यार करता है.”

उन्होंने कहा, “यही देशभक्ति उसके अंदर साहस की ऐसी भावना भरती है, जिससे प्रेरणा पाकर वह अपने प्राणों तक को दांव पर लगाने में भी पीछे नहीं हटता.''

रक्षा मंत्री ने कहा, ''राष्ट्र प्रेम की जब बात आती है, तो मुझे ऐसा लगता है कि इस बारे में हमारे सैनिकों का बखान शब्दों से तो किया ही नहीं जा सकता.''

उन्होंने कहा, ''किसी भारतीय सैनिक के अंदर देश प्रेम की कैसी लहर दौड़ रही है, इस बात का परिचय आपको करगिल की वह चोटियां देंगी, जहां पर सांस लेने के लिए ऑक्सीजन तक की कमी है, लेकिन हमारे सैनिक इस मातृभूमि के प्रति अपने प्रेम के कारण वह कष्ट भी हंसते-हंसते सह रहे हैं.''

सैनिकों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ''राष्ट्रभक्ति साहस व मानवता जैसे मूल्य भारतीय सैनिकों में अंतर्निहित हैं.''

उन्होंने कहा, ''यह भारतीय सैनिकों की मानवता है कि 90,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण के बावजूद, हमने उनके साथ कभी दुर्व्यवहार नहीं किया. हमने हमेशा उन सैनिकों के साथ उसी तरह व्यवहार किया, जैसे एक इंसान दूसरे इंसान के साथ करता है.'

रक्षा मंत्री ने भारतीय सैनिक के अद्वितीय चरित्र के बारे में बात की, जो देश के सांस्कृतिक मूल्यों में निहित है. उन्होंने देशभक्ति, साहस, मानवता और भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा को एक सैनिक के चार सबसे महत्वपूर्ण गुण बताए.

सिंह ने कहा कि भारतीय सैनिक संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन और राहत एवं बचाव अभियानों में भी योगदान देते हैं.

मंत्री ने कहा, “हमारे अपने पड़ोस में, हम सेना और उनके संवैधानिक मूल्यों के बीच अलगाव देख सकते हैं. लेकिन, संवैधानिक मूल्यों के प्रति भारतीय सेना की भक्ति अतुलनीय है.”

सिंह ने यह भी कहा, ''सरकार सिर्फ वर्तमान सैनिकों के लिए ही नहीं, बल्कि भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए भी पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. चाहे वह वन रैंक, वन पेंशन की बात हो, उनके लिए स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा मुहैया करने की बात हो, उनके पुन:नियोजन की बात हो या फिर उनके सम्मान की बात हो, हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं.''

उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) जी के नेतृत्व में जब से हमारी सरकार आई है, तब से हमने सेना के सुदृढ़ीकरण की ओर विशेष ध्यान दिया है.''

दिल्ली से बाहर थल सेना दिवस मनाए जाने का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, 'कई वर्षों से थल सेना दिवस मनाया जाता रहा है. इस परंपरा में हमने बदलाव किया और प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से अब सेना दिवस दिल्ली से बाहर दूसरे शहरों में भी आयोजित किया जा रहा है.” इस साल सेना दिवस परेड के लिए लखनऊ को आयोजन स्थल के रूप में चुना गया है.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर की बात, दोनों नेताओं के बीच इन मुद्दों पर बनी सहमति

ये भी पढ़ें- राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' नगालैंड पहुंची, 18 जनवरी को असम में करेगी प्रवेश

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
SC में सुनवाई के बाद बंगाल के मेडिकल कॉलेजों में पूर्ण रूप से बंद रहेगा काम : जूनियर डॉक्‍टरों का ऐलान 
दुश्मन से नफरत नहीं, देशप्रेम की वजह से आखिरी सांस तक लड़ता है भारतीय सैनिक: रक्षा मंत्री
VIDEO : बागपत के होटल में थूक लगाकर सेंक रहा था रोटी, आरोपी गिरफ्तार
Next Article
VIDEO : बागपत के होटल में थूक लगाकर सेंक रहा था रोटी, आरोपी गिरफ्तार
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com