करीब 30 साल बाद इस बार 26 जनवरी की परेड में भारतीय नौसेना के लड़ाकू और निगरानी विमान भी फ्लाई पास्ट में हिस्सा लेंगे। अब तक परेड में सिर्फ वायुसेना के विमान ही फ्लाईपास्ट का हिस्सा बनते रहे हैं। इस बार परेड में जौहर दिखाने वाले नौसेना के दस्ते में मिग-29 के अलावा अमेरिका से खरीदे गए पी-8-आई विमान भी शामिल हैं, जो लंबी दूरी तक निगरानी करने में सक्षम हैं, और यह भी महज संयोग है कि इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ही हैं।
नौसेना के दस्ते में रूस से खरीदा गया मिग-29-के भी शामिल है, जो विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य से उड़ान भरता है। परेड में अमेरिकी पी-8-आई के साथ रूसी मिग-29-के विक्टर फार्मेशन में उड़ान भरते नज़र आएंगे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले वर्ष 1984 की गणतंत्र दिवस परेड में नौसेना के लड़ाकू विमान सी-हैरियर ने उड़ान भरी थी। वह बिट्रेन में बना लड़ाकू विमान था, जो अब काफी पुराना पड़ चुका है, लेकिन भारत के दूसरे विमानवाहक पोत आईएनएस विराट से उड़ान भरता है।
इस विमान की सबसे बड़ी खासियत है कि यह हैलीकॉप्टर की तरह वर्टिकल लैंडिंग कर सकता है। दुनियाभर में यह विशेषता रखने वाले इक्का-दुक्का ही लड़ाकू विमान हैं।
वैसे, समुद्र में निगरानी के काम आने वाले पी-8-आई का बेस तमिलनाडु के अराकोनम में है, जबकि मिग-29-के का बेस गोवा में है। भारतीय नौसेना के पास फिलहाल छह पी-8-आई विमान हैं और दो विमान और आने हैं। वही मिग-29-के की मौजूदा गिनती 29 है और 16 विमान और आने हैं।
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