भारतीय सेना ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख के देपसांग क्षेत्र में गश्त वाले स्थानों में से एक स्थान पर सफलतापूर्वक गश्त की. कुछ दिन पहले ही भारतीय और चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले दो स्थानों-डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की थी. डेमचोक में गश्त सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के एक दिन बाद शुक्रवार को शुरू हुई.
लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘भारतीय और चीनी पक्षों के बीच देपसांग और डेमचोक में गश्त फिर से शुरू करने और सैनिकों की वापसी के लिए सहमति बनने के बाद, आज देपसांग में गश्ती स्थलों में से एक पर भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक गश्त की.
यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और सौहार्द बनाए रखने की दिशा में एक और सकारात्मक कदम है.'यह तुरंत पता नहीं चल पाया है कि सैनिकों ने किस स्थल पर गश्त की.
सरकार ने शनिवार को कहा था कि भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में दूसरे टकराव स्थल देपसांग में सत्यापन गश्त शुरू कर दी है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा था कि सैनिकों को पीछे हटाने पर चीन के साथ समझौते के बाद डेमचोक और देपसांग में पारस्परिक सहमति वाली शर्तों पर सत्यापन गश्त शुरू कर दी गई है.
11 अक्टूबर को देपसांग के मैदानों से ली गई एक तस्वीर में चार वाहन और दो तंबू दिखाई दे रहे थे और 25 अक्टूबर की एक अन्य तस्वीर में तंबू गायब थे और वाहनों को दूर जाते देखा जा सकता था. तस्वीरें 'वाई जंक्शन' के पास के एक क्षेत्र की थीं, जहां से भारतीय सैनिकों को पूर्व में भारत के गश्त बिंदुओं की ओर जाने से रोका गया था, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा की सीमा को दर्शाता है जिस पर भारत इन क्षेत्रों पर दावा करता है. तस्वीरों के एक अन्य सेट में डेमचोक से अर्ध-स्थायी चीनी संरचनाओं को हटाते हुए दिखाया गया है.
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