पूर्वी लद्दाख में करीब 28 महीने से भारत और चीन की सेनाओं के बीच जारी तनातनी अब घटने के आसार बन रहे है. पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग और गोगरा के पेट्रोलिंग पॉइंट 15 से दोनो देशो की सेनाएं पीछे हट गई है. इस बात की पुष्टि सेना और सेटेलाइट इमेज के जरिये भी हुई है. अस्थाई निमार्ण और बंकर तोड़ दिए गए है . इस बात की पुष्टि दोनो देशों के लोकल कमांडरों ने जमीनी स्तर पर जायजा लेने के बाद की है.सेना के सूत्रों ने PP15 से सैनिकों के हटने के बारे में कहा कि दोनों पक्षों ने चरणबद्ध और समन्वित तरीके से क्षेत्र से हटने का काम पूरा कर लिया है. दोनों देशों की सेनाएं अब अप्रैल 2020 वाली जगह पर पहुंच गई है हालांकि सीमा पर करीब दो साल पहले हुए तनाव के बाद अभी भी दोनों देशों के 50,000 से ज्यादा सैनिकों का जमावड़ा बना हुआ है
इससे पहले भारत और चीन की सेनायें विवाद वाली जगह गलवान, पेगोंग लेक के उत्तरी और दक्षिणी इलाके से पीछे लौट गई है . हलांकि कई जगहों पर अब भी दोनों देशों की सेनायें पेट्रोलिंग के लिए पहले वाली जगह तक नही जा रही है . सेना आमने सामने ना आए इसके लिए बफर जोेन बनाया गया है ताकि दोनों देशों की सेना आमने सामने के तनाव से बच सके. अब कह सकते है दोनों देश की सेनाएं अप्रैल 2020 वाली जगह पर पहुंच गए है. सेना के मुताबिक अब चीन से बातचीत डेमचौक और देपसांग को लेकर होगी जिसको लेकर जमी बर्फ नही पिघली है. यह विवाद गलवान के पहले का है .
16 सितंबर को एससीओ की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की होने वाली बैठक में सीमा विवाद अहम मुद्दा होगा . अभी भी चीन ने सीमा पर 50 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात कर रखे है और भारत ने भी जवाबी कार्रवाई के लिए इतने ही सैनिको मोर्चाबंदी कर रखी है .
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