
भारत ने अमेरिकी के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत में कृषि से संबंधित मुद्दों पर अपना रुख कड़ा किया है. इसके साथ, दोनों देशों के बीच बातचीत महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गई है. इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एग्जीक्यूटिव कॉउन्सिल के सदस्य सुनील जैन ने इस पर कई अहम जानकारियां दी हैं.
अगर 9 जुलाई से पहले हुआ सौदा
एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में सुनील जैन ने कहा, 'भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित 'अंतरिम ट्रेड डील' को लेकर समझौता लगभग हो गया है. लेकिन कृषि उत्पादों को लेकर अब भी बातचीत जारी है.' अगर भारत और अमेरिका के बीच 9 जुलाई की डेडलाइन से पहले अंतरिम ट्रेड डील पर समझौता हो जाता है तो 9 जुलाई के बाद भारत से एक्सपोर्ट होने वाले अधिकतर सामानों पर 26 फीसदी पारस्परिक टैरिफ लागू नहीं होगा.
अमेरिका अड़ा एक बात पर
सूत्रों के मुताबिक अमेरिका इस बात पर अड़ा हुआ है कि भारत कृषि और डेयरी उत्पादों पर टैरिफ घटाए लेकिन भारत की इस पर अपनी संवेदनशीलताएं हैं. सुनील जैन के मुताबिक, 'भारत तय नियमों के मुताबिक जीएम कृषि उत्पादों का आयात नहीं कर सकता. इसमें देश के करोड़ों किसानों का हित भी जुड़ा हुआ है और भारत कोई ऐसा फैसला नहीं कर सकता जिससे भारतीय किसानों का हित कमज़ोर हो.'
टैरिफ घटाने का दबाव
दूसरी तरफ ऑटो कंपोनेंट्स के एक्सपोर्ट पर भारत, अमेरिका पर टैरिफ घटाने के लिए दबाव बढ़ा रहा है, लेकिन अमेरिका इस पर फिलहाल भारत की मांग को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. साथ ही, स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर टैरिफ घटाने को लेकर भी अमेरिका की अपनी चिंताएं हैं. फिलहाल प्रस्तावित अंतरिम ट्रेड डील पर अमेरिका के साथ बातचीत करने अमेरिका गए मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल पिछले हफ्ते भारत लौटने वाले थे लेकिन उन्होंने अपनी भारत लौटने का प्लान टाल दिया है. राजेश अग्रवाल अब भी अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं.
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