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This Article is From Sep 15, 2021

"आलोचकों की चालाकी": Quad एजेंडे को सीमित बताने पर भारत का करारा जवाब

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'पुर्नसंतुलन, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अधिक एकीकृत तरीके से आगे बढ़ने की जरूरत है और क्‍वाड में व्‍यक्‍त किए गए परिवर्तन में इसकी राजनीतिक झलक देखने को मिलती है.

"आलोचकों की चालाकी": Quad एजेंडे को सीमित बताने पर भारत का करारा जवाब
विदेश मंत्री ने कहा, 'क्‍वाड' को सीमित एजेंडे वाले समूह के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए
नई दिल्‍ली:

अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ( Joe Biden) की ओर से  इस माह के अंत में बुलाई गई बैठक के पहले, भारत ने कहा है कि  'क्‍वाड' (Quad) को सीमित एजेंडे वाले समूह के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए और इसका बेहद व्‍यापक और वास्‍तविक एजेंडा है. अमेरिका स्थित शिक्षाविद एश्‍ले टेलिस से हिंद महासागर और क्षेत्रीय सुरक्षा पर इसका प्रभाव विषय पर बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अधिक एकीकृत तरीके से आगे बढ़ने की जरूरत है और क्‍वाड में व्‍यक्‍त किए गए परिवर्तन में इसकी राजनीतिक झलक देखने को मिलती है. मैं फिर से Quad के एजेंडे को उजागर करना चाहता हूं जो कि व्‍यापक और सहयोगी है. आलोचकों द्वारा इस एजेंडे को सीमित बताना वैश्चिक राजनीतिक खेल में उनकी चालाकी को दर्शाता है.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) भारत औऱ अमेरिका समेत चार देशों के मजबूत गठजोड़ क्वॉड सम्मेलन में हिस्सा लेने इसी माह  अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे. ये सम्मेलन 24 सितंबर को होगा औऱ पहली बार क्वॉड (Quad summit) के चारों देशों के राष्ट्राध्यक्ष आमने-सामने बैठकर सम्मेलन में शिरकत करेंगे. इससे पहले क्वॉड की बैठकें वर्चुअल तरीके से आयोजित हुई हैं. पीएम मोदी के अलावा अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन और जापान के पीएम योशिहिदे सुगा भी इस सम्मेलन में होंगे. 

क्वॉड सम्मेलन में कोविड-19, हिन्द प्रशांत महासागर क्षेत्र, साइबर स्पेस और उभरती तकनीकों पर बात होगी.भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच व्हाइट हाउस में यह अहम बैठक होगी. महत्वपूर्ण यह भी है कि  पहली बार बाइडेन से  पीएम मोदी की आमने-सामने मुलाकात होगी. कोविड काल में पीएम मोदी का यह दूसरा विदेश दौरा है. इसके पहले वो बांग्लादेश गए थे. 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी का भाषण भी हो सकता है. गौरतलब है कि क्वॉड को आलोचकों द्वारा चीन के खिलाफ जुगलबंदी के तौर पर पेश किया जाता रहा है. हालांकि भारत और इसके अन्य सदस्य देशों ने रूस और अन्य देशों के ऐसे आरोपों को खारिज किया है. 

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