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भारत-पोलैंड कबड्डी कनेक्शन : पीएम मोदी की इस खासियत के आगे नत मस्तक हुए खेल महासंघ अध्यक्ष

पोलैंड कबड्डी महासंघ के अध्यक्ष मिचेल स्पिज़्को ने पीएम मोदी की तारीफ की, कहा- पीएम मोदी का नेतृत्व भारत में खेलों के मजबूत होने के लिए अच्छा अवसर है.

भारत-पोलैंड कबड्डी कनेक्शन : पीएम मोदी की इस खासियत के आगे नत मस्तक हुए खेल महासंघ अध्यक्ष
पीएम मोदी ने पोलैंड के कबड्डी महासंघ के अध्यक्ष मिशल स्पिज़्को और बोर्ड सदस्य अन्ना कालबार्स्की से मुलाकात की.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की पोलैंड (Poland) यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध तो मजबूत हुए ही हैं, दोनों देशों के बीच खेल संबंधों ने भी नया आयाम ग्रहण किया. भारत का देसी खेल कबड्डी (Kabaddi) दोनों देशों के बीच करीबी का एक अहम कारण बना. कबड्डी भारत से पोलैंड पहुंची और उसके बाद इसकी लोकप्रियता भी बढ़ी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वारसॉ में पोलैंड के कबड्डी महासंघ के अध्यक्ष मिशल स्पिज़्को और बोर्ड सदस्य अन्ना कालबार्स्की से मुलाकात की.

पोलैंड कबड्डी महासंघ के अध्यक्ष मिचेल स्पिज़्को ने बाद में पीएम मोदी की तारीफ की. उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी का नेतृत्व भारत में खेलों के मजबूत होने के लिए अच्छा अवसर है.

मिचेल स्पिज़्को ने कहा- ‘मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बहुत सकारात्मक ऊर्जा महसूस की. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्ति का इस पद पर होना, भारत को हर खेल में मजबूत बनाने का एक शानदार अवसर है. भारत को 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए प्रयास करना चाहिए और मुझे उम्मीद है कि कबड्डी 2036 ओलंपिक में शामिल होगी.'

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद बोर्ड सदस्य अन्ना कलबार्स्की ने कहा कि, ''पीएम मोदी को इस बात पर गर्व है कि हमने कबड्डी को यूरोप में पेश किया...पीएम मोदी के पास कबड्डी और इसके पीछे के दर्शन के बारे में बहुत ज्ञान है.'' 

भारतीय खेल पोलैंड में हुआ लोकप्रिय 

भारत और पोलैंड एक दूसरे से 6000 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर हैं. दोनों देशों के बीच महाद्वीपों, समुद्रों और महासागरों का अंतर है, लेकिन एक ऐसा धागा है जिससे दोनों देश जुड़े हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पोलैंड दौरे पर इसका जिक्र किया और बताया कि कैसे 'कबड्डी' ने दोनों देशों के बीच एक खास कनेक्शन बनाया है.

भारत के अंदरूनी इलाकों में जन्मा यह खेल अब एक उभरता हुआ खेल बन गया है. इसने पोलिश युवाओं को भी अपनी ओर आकर्षित किया है. इसी का नतीजा है कि यूरोपीय राष्ट्र ने यूरोप में खिताब जीते हैं, और कबड्डी विश्व कप में महाद्वीप का प्रतिनिधित्व किया है.

भारत और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हम कबड्डी के खेल के माध्यम से भी जुड़े हुए हैं. यह खेल भारत के माध्यम से पोलैंड पहुंचा और उन्होंने इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. पोलैंड पहली बार कबड्डी चैंपियनशिप की मेजबानी करने जा रहा है. मैं उनकी टीम को शुभकामनाएं देना चाहता हूं."

अभिषेक शर्मा ने कबड्डी को ऊंचाई पर पहुंचाया 

पोलैंड में कबड्डी काफी लोकप्रिय है, क्योंकि यह टैग और कुश्ती के यूरोपीय खेल जैसा है. पोलैंड के मिचेल स्पिज़्को देश में सबसे तेजी से बढ़ती पेशेवर लीग प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में खेलने वाले पहले यूरोपीय थे.

पोलैंड में इसकी शुरुआत तब हुई जब भारत के एक खिलाड़ी अभिषेक शर्मा ने एक क्लब शुरू करने का फैसला किया. अंतरराष्ट्रीय कबड्डी महासंघ (आईकेएफ) के सदस्य अशोक दास के सहयोग से अभिषेक शर्मा, जो 2007 में बायो-टेक्नोलॉजी में एमएस कोर्स पूरा करने के बाद पोलैंड चले गए थे, ने 2010 में 'कबड्डी प्रोजेक्ट' की शुरुआत की थी. तब से शर्मा ने अपनी सारी कमाई कबड्डी को लोकप्रिय बनाने में लगा दी और इस खेल को इस मुकाम तक पहुंचाया.

पोलैंड की पुरुष राष्ट्रीय टीम ने भारत के अहमदाबाद में 2016 कबड्डी विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया और उसमें खेला, तथा प्रारंभिक ग्रुप मैच में तत्कालीन विश्व चैंपियन ईरान को हराकर बड़ा फेरबदल किया.
(इनपुट एजेंसियों से भी)

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