नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों को सुलझाने का एकमात्र तरीका बातचीत है क्योंकि किसी भी टकराव के जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए गंभीर परिणाम होंगे.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लेने संबंधी हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि उन्हें ऐसा करने से कोई नहीं रोक रहा.
पीटीआई-भाषा को दिए एक विशेष साक्षात्कार में सिंह ने कहा कि भारत पीओके पर अपना दावा कभी नहीं छोड़ेगा लेकिन उसे बलपूर्वक इस पर कब्जा नहीं करना पड़ेगा क्योंकि कश्मीर में विकास को देखने के बाद वहां के लोग खुद ही भारत का हिस्सा बनना चाहेंगे.
बातचीत न करने की नीति पर उठाए सवाल
अब्दुल्ला ने चीन के साथ वार्ता करने लेकिन पाकिस्तान के साथ बातचीत न करने की केंद्र की नीति पर सवाल उठाया.
पुंछ हमले पर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इसका जवाब देना चाहिए.
गृह मंत्री से पूछें कि आतंकवाद अभी भी है या नहीं : अब्दुल्ला
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह बहुत दुखद घटना है. हमारा जवान शहीद हो गया है. वे बार-बार ऐसी चीजों के लिए अनुच्छेद 370 को जिम्मेदार बताते रहे हैं. अब अनुच्छेद 370 भी नहीं है लेकिन आपको गृह मंत्री से पूछना चाहिए कि आतंकवाद अभी भी है या नहीं.'
अब्दुल्ला ने कहा, 'हमारे सैनिक हर दिन शहीद होते हैं और वे चुप हैं. फिर वे हम पर आरोप लगाते हैं. उन्हें इससे बचना चाहिए.'
अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में मतदान से तीन सप्ताह पहले शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवादियों ने भारतीय वायुसेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक सैनिक शहीद हो गया और चार अन्य घायल हो गए.
आतंकी हमला शनिवार शाम करीब 6:15 बजे हुआ जब जवान जारनवाली से वायुसेना स्टेशन लौट रहे थे.
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