Operation Sindoor: भारत की सेना अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए बॉर्डर पर सुपर एक्टिव है. रक्षा सूत्रों ने शुक्रवार, 9 मई की सुबह जानकारी दी कि सेना ने LOC के पार कई पाकिस्तानी सैन्य चौकियों को नष्ट करने के लिए एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों (ATGMs) का इस्तेमाल किया है. भारतीय सेना ने यह कदम पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा सीमा पार से की गई गोलीबारी के जवाब में उठाया है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.
एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) क्या है?
एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) एक हथियार प्रणाली (वेपन सिस्टम) है जिसे भारी बख्तरबंद वाहनों, खासकर टैंकों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है. ये मिसाइलें "गाइडेड" हैं, जिसका अर्थ है कि इन्हें किसी टारगेट पर चलाया या लॉक किया जा सकता है. यह खासियत इसे पुराने एंटी-टैंक हथियारों की तुलना में सटीक बनाती है.
एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल कैसे काम करते हैं?
अधिकांश ATGM एक शेप्ड चार्ज नाम की चीज का उपयोग करते हैं. यह एक विशेष प्रकार का विस्फोटक है जो अपनी सारी शक्ति को एक दिशा में केंद्रित करता है, जो टैंक के मोटे कवच को भेदने के लिए पर्याप्त मजबूत होता है. कुछ आधुनिक ATGM टेंडेम वॉरहेड का उपयोग करते हैं. इसका मतलब है कि उनके पास दो विस्फोट होते हैं. पहला विस्फोट टैंक की बाहरी सुरक्षा को प्रभावित करता है और उसको एक्टिवेट करता है, जिसे एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ERA) कहा जाता है. इस ERA को मिसाइलों को विस्फोट के बाद बाहर ही रोकने के लिए डिजाइन किया गया है. इसे तोड़ने के ठीक बाद ATGM का दूसरा विस्फोट होता है. यह टैंक के नीचे के मुख्य कवच को तोड़ देता है.
ATGM को दिन और रात, दोनों समय काम करने के लिए बनाया गया है, जो उन्हें हर स्थिति में उपयोगी बनाता है. उनमें से कुछ में 'टॉप-अटैक' मोड भी होता है, जिसका अर्थ है कि वे ऊपर से टैंक पर हमला कर सकते हैं जहां वे सबसे कमजोर हैं. कई आधुनिक ATGM में डुअल-मोड सीकर नामक कुछ चीज होती है, जो उन्हें अपने लक्ष्य को अधिक सटीकता से ढूंढने और उसका पालन करने में मदद करती है.
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