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मॉरीशस को इतना महत्व क्यों देते हैं पीएम नरेंद्र मोदी, कितनी पुरानी है दोनों देशों की दोस्ती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस की यात्रा पर हैं. यह उनकी दूसरी मॉरीशस यात्रा है. वो बुधवार को मॉरीशस के नेशनल डे समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. आइए जानते हैं कि कितने महत्वपूर्ण और मजबूत हैं भारत-मॉरीशस के संबंध.

मॉरीशस को इतना महत्व क्यों देते हैं पीएम नरेंद्र मोदी, कितनी पुरानी है दोनों देशों की दोस्ती
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दो दिन की यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे. वहां उनका परंपरागत रूप से स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री मोगी की 2015 के बाद से यह दूसरी मॉरीशस यात्रा है. वे 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे.पश्चिमी हिंद महासागर में स्थित द्वीपीय देश मॉरीशस भारत का महत्वपूर्ण पड़ोसी है. यहां की 12 लाख की आबादी में भारतीय मूल के लोगों की संख्या करीब 70 फीसदी है. यह संख्या भारत और मॉरीशस के रिश्तों को और खास बनाती है.

ब्रिटेन के अधिग्रहण से पहले मॉरीशस एक फ्रांसीसी उपनिवेश था.1700 के दशक में फ्रांसीसी शासन में सबसे पहले आज के पुडुचेरी इलाके से भारतीयों को मॉरीशस लाया गया था. उनसे राजमिस्त्री और मजदूर के रूप में काम करवाया जाता था. वहीं अंग्रेजों के शासनकाल में 1834 और 1900 के शुरुआती सालों में करीब पांच लाख भारतीय श्रमिक मॉरीशस लाए गए. इनमें से करीब दो तिहाई श्रमिक वापस भारत न जाकर मॉरीशस में ही बस गए.

मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्म गोखुल को महाकुंभ के समापन पर गंगाजल भेंट करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्म गोखुल को महाकुंभ के समापन पर गंगाजल भेंट करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

कब मनाया जाता है मॉरीशस का नेशनल डे

मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस का भी भारत से एक अनोखा संबंध है. महात्मा गांधी 1901 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटते समय मॉरीशस में कुछ समय के लिए रुके थे. उन्होंने भारतीय श्रमिकों को तीन परिवर्तनकारी संदेश दिए थे. वे थे- शिक्षा का महत्व, राजनीतिक सशक्तिकरण और भारत से जुड़े रहना. इस प्रकार, गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में, मॉरीशस का राष्ट्रीय दिवस 12 मार्च को मनाया जाता है. यह महात्मा की दांडी यात्रा की तिथि है.

मॉरीशस दुनिया के उन देशों में शामिल था, जिनके साथ स्वतंत्र भारत ने 1948 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे.दोनों देशों ने 2023 में राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे कर लिए थे. अंग्रेजों से 1968 में मिली आजादी के बाद से मॉरीशस पर मुख्य रूप से दो राजनीतिक परिवारों रामगुलाम (शिवसागर रामगुलाम और उनके बेटे नवीन रामगुलाम) और जगन्नाथ (अनिरुद्ध जगन्नाथ और बेटे प्रविंद जगन्नाथ) का शासन रहा है. पिछले साल कराए गए चुनाव में नवीन रामगुलाम को जीत मिली थी. वे इससे पहले 1995 से 2000 तक और 2005 से 2014 तक मॉरीशस के प्रधानमंत्री रह चुके हैं.

नवीन रामगुलाम के पिता शिवसागर रामगुलान ने मॉरीशस के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था. वो आजाद मॉरीशस के पहले प्रधानमंत्री बने थे. उन्होंने गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरोजिनी नायडू सहित कई भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर काम किया. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ उनके गहरे संबंध थे. बोस की 1934 में आई किताब,'द इंडियन स्ट्रगल' का प्रूफ पढ़ने का काम भी उन्होंने ने ही किया था. 

पीएम नरेंद्र मोदी की पहली मॉरीशस यात्रा

पीएम नरेंद्र मोदी इससे पहले मार्च 2015 में मॉरीशस की यात्रा पर गए थे. उस यात्रा पर अगालेगा द्वीप पर परिवहन सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए भारत और मॉरीशस ने एक समझौता ज्ञापन पर दस्तखत किए थे. इस समझौते में कहा गया था कि मॉरीशस के बाहरी द्वीप पर समुद्री और हवाई संपर्क को सुधारने के लिए बनाए जाने वाला बुनियादी ढांचा द्वीप के निवासियों के हालात को बेहतर बनाएगा. इसमें यह भी कहा गया था कि इससे मॉरीशस के सुरक्षा बलों को द्वीप की सुरक्षा में भी आसानी होगी.भारत ने वहां पर जेटी और हवाई पट्टी का निर्माण करवाया है. भारत अगालेगा द्वीप स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनाने पर भी काम कर रहा है.भारत मॉरीशस में सामुदायिक विकास की 96  परियोजनाओं पर काम कर रहा है.  

मॉरीशस के सर शिवसागर रामगुलाम बोटैनिकल गार्डन में मां के नाम एक पौधा लगाते पीएम नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम.

मॉरीशस के सर शिवसागर रामगुलाम बोटैनिकल गार्डन में मां के नाम एक पौधा लगाते पीएम नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम.

भारत ने 2016 में मॉरीशस के लिए 353 मिलियन डॉलर के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थे. इसके तहत मॉरीशस में मेट्रो एक्सप्रेस, सुप्रीम कोर्ट बिल्डिंग, आंख-कान-नाक के एक अस्पताल, आवास परियोजना और डिजिटल टैबलेट योजना जैसी परियोजनाएं शामिल थीं. भारत ने 2017 में मॉरीशस को 500 मिलियन डॉलर का कर्ज दिया था. इससे 10 परियोजनाओं का वित्त पोषण किया गया. इनमें से सात पहले ही पूरी हो चुकी हैं. इनके अलावा सिविल सर्विस कॉलेज, नेशनल आर्काइव्स, पुलिस अकादमी, किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट और स्वास्थ्य केंद्रों जैसी परियोजनाओं पर अभी काम चल रहा है. शिक्षा और सांस्कृतिक के क्षेत्र में भी दोनों देशों में सहयोग है. भारत का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र इंदिरा गांधी सेंटर फॉर इंडियन कल्चर मॉरीशस में खोला गया है. इस सेंटर में ढाई हजार से अधिक छात्र-छात्राएं संगीत, नृत्य और वादन की शिक्षा लेते हैं. 

कितना महत्वपूर्ण है अगालेगा द्वीप

पीएम नरेंद्र मोदी दूसरी बार मॉरीशस की यात्रा पर गए हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी दूसरी बार मॉरीशस की यात्रा पर गए हैं.

करीब 70 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला अगालेगा द्वीप मॉरीशस से 11 सौ किलोमीटर उत्तर में स्थित है. यह भारतीय दक्षिणी तट के करीब है. यहां भारत-मॉरीशस ने संयुक्त रूप से हवाई पट्टी और जेटी परियोजनाओं का उद्घाटन फरवरी 2024 में किया था. उस समय कुछ लोगों ने यह चिंता जताई कि भारत इस द्वीप पर सैन्य अड्डा बनाने का इरादा रखता है. इस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने यह कहते हुए उन्हें खारिज कर दिया कि अगालेगा द्वीपों पर अपनी संप्रभुता छोड़ने का मॉरीशस का कोई एजेंडा कभी नहीं रहा है. उन्होंने कहा था कि अगालेगा को सैन्य अड्डे में बदलने का कोई एजेंडा कभी नहीं रहा है. उन्होंने मॉरीशस में भारत-विरोधी अभियान की निंदा की थी. हिंद महासागर में बढ़ती चीनी पैठ भारत की चिंता का विषय है. इसलिए वह मॉरीशस जैसे द्वीप देशों के साथ मिलकर काम करना चाहता है. मॉरीशस में पिछले साल विनाशकारी चक्रवाती तूफान चिडो आया था. उसने अगालेगा में भारी तबाही मचाई थी.उस समय भारत ने नौसेना के जरिए वहां पर राहत और बचाव का काम किया था. 

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