कोरोना वायरस (Coronavirus) का नया सब-वैरिएंट (Covid New Sub Variant) भारत में भी दस्तक दे चुका है. अब भारत के तमाम राज्यों में इससे होने वाले इन्फेक्शन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अब तक कोरोना के सब-वैरिएंट JN.1 (Covid New Strain) के 21 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 19 केस की गोवा में पहचान की गई है, जबकि एक-एक मामले केरल और महाराष्ट्र में पाए गए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कोविड का नया सब-वैरिएंट अब तक 40 देशों में फैल चुका है. इस नए सब-वैरिएंट की खासियत ये है कि ये दूसरे स्ट्रेन की तुलना में तेजी से फैलता है.
सरकार के थिंक टैंक NITI आयोग के सदस्य (हेल्थ) वीके पॉल ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नए सब-वैरिएंट के एक्टिव मामलों में 92.8 प्रतिशत मामले होम-आइसोलेशन के हैं, जो हल्की बीमारी का संकेत देते हैं. कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है.
राज्यों को सतर्कता बरतने के निर्देश
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सब-वैरिएंट JN.1 को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्कता बरतने को कहा है. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने कोरोना वायरस के उभरते सब-वैरिएंट को लेकर सतर्क रहने पर जोर दिया.
एक दिन में कोविड के 614 नए केस
इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार को अपडेट आंकड़ों के मुताबिक, भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 614 नए मामले सामने आए हैं. यह 21 मई के बाद से सबसे अधिक है. वहीं, एक्टिव मामले बढ़कर 2,311 हो गए हैं.
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लक्जमबर्ग में पाया गया था सबसे पहला केस
कोरोना के नए सब-वैरिएंट JN.1 के बारे में सामने आया है कि इसका सबसे पहला केस अगस्त में लक्जमबर्ग में पाया गया. इसके बाद यह धीरे-धीरे 36 से 40 देशों में फैल गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन( WHO) इस सब-वैरिएंट को "वैरीएंट ऑफ इंटरेस्ट" कहा है. JN.1 को पहले इसके मूल वंश BA.2.86 के हिस्से के रूप में वर्गीकृत किया गया था, लेकिन WHO ने अब इसे अलग प्रकार के तौर पर वर्गीकृत किया है.
WHO ने कहा है कि मौजूदा टीके JN.1 और कोविड-19 वायरस के दूसरी वैरिएंट से होने वाली गंभीर बीमारी और मौत की रोकथाम जारी रखेंगे. वहीं, जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक वायरोलॉजिस्ट एंड्रयू पेकोज ने कहा है कि JN.1 अधिक जोखिम पैदा नहीं करता है.
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