भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख (Ladakh Border) के कई इलाकों में जारी गतिरोध को हल करने के लिए शनिवार को फिर से बातचीत शुरू हुई. पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव को घटाने के लिये भारत और चीन के कोर कमांडर लेवल (India-China Core Commander level talks ) के 12 वें दौर की बातचीत सुबह साढ़े दस बजे शुरू हो गई .करीब साढ़े तीन महीने बाद बातचीत का मेन एजेंडा गोगरा , हॉट स्प्रिंग और देपसांग जैसे विवादित इलाकों से दोनो देशों की सेनाओं डिसइंगेजमेंट (Disengagement) पर होगा.
मुद्दा ये है कि क्या चीन अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरेगा : लद्दाख पर एस जयशंकर
दोनो देशों की सेनाओं के पहले चरण में डिसइंगेजमेंट के बाद भी दोनो देशों की सेनाओं के बीच तनाव अभी भी बना हुआ है. यह बैठक इसलिए भी अहम मानी जा रही है कि इसमे गोगरा और हॉट स्प्रिंग एलएसी (LAC) पर अगर सहमति बनती है तो चीन अपने सैनिको पीछे बुला सकता है. दोनों देशों के बीच पैंगोंग लेक क्षेत्र में सेनाओं को पीछे हटाने पर तो सहमति बन गई थी, लेकिन अन्य क्षेत्रों में गतिरोध बना हुआ है.
भारत और चीन के सैनिकों के बीच सैनिकों के विवाद की शुरुआत अप्रैल 2020 से हुई. सैन्य अभ्यास के बहाने चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग त्सो , गलवान, हॉट स्प्रिंग और गोगरा जैसे इलाके में तैनाती बढ़ा दीं. दोनो देशों की सेनाएं आमने सामने आ गई. गलवान घाटी में दोनो देशों की सेनाओं के बीच जून 2020 में हिंसक झड़प हुई थी .इस दौरान 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए और करीब 40 से 45 चीनी सैनिक मारे गए थे.
गलवान घाटी की घटना के बाद दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख के क्षेत्रों में सैनिकों, टैंकों औऱ अन्य हथियारों की तैनाती बढ़ा दी थी. भारत और चीन के बीच कूटनीतिक स्तर पर भी वार्ता हुई है. विदेश मंत्री एस जयशंकर भी चीन में अपने समकक्ष से मुलाकात कर चुके हैं. हालांकि अभी तक गतिरोध का पूरी तरह से समाधान नहीं निकला है.
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