कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश का कहना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘‘पलटी मारने'' और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के अकेले लड़ने के बावजूद विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' एकजुट है और यह (बहुमत का) 272 का आंकड़ा पार करेगा. टीएमसी प्रमुख पर कटाक्ष करते हुए रमेश ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी ने आखिर ममता बनर्जी रहने का ही फैसला किया.'' उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विपक्ष के खिलाफ भ्रष्टाचार के विमर्श को ‘‘खोखला'' करार देते हुए खारिज कर दिया.
रमेश ने ‘‘पीटीआई मुख्यालय'' में समाचार एजेंसी के संपादकों एवं पत्रकारों के साथ बातचीत में यह भी कहा कि विपक्ष एकजुट होकर चुनाव में 272 का आंकड़ा पार करेगा और भाजपा को सत्ता से बाहर कर देगा. उन्होंने चुनावी बॉन्ड, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले झामुमो नेता हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी सहित कई मुद्दों पर बात की. साथ ही उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के क्रमशः अमेठी और रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर भी अपने विचार साझा किए.
बुनियादी ढांचा संबंधी ठेके मिलने के बाद एक भाजपा सांसद द्वारा चुनावी बॉन्ड खरीदे जाने का दावा करते हुए रमेश ने कहा, ‘‘चुनावी बॉन्ड योजना के काम करने के तरीके को देखें. 4,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड सीधे तौर पर चार लाख करोड़ रुपये के ठेकों से जुड़े हुए हैं. चुनावी बॉन्ड और ठेके देने के बीच एक स्पष्ट संबंध है.'' उन्होंने कहा कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि भाजपा के पक्ष में कई कंपनियों द्वारा खरीदे गए 4,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड सीधे तौर पर ठेके देने और उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों द्वारा शुरू की गई कार्रवाई से जुड़े हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह कहना कि मोदी भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाएंगे और यह दिखाने के लिए कि वह भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं, उदाहरण देने के लिए हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल के मामले का इस्तेमाल करेंगे तो ये बिल्कुल खोखला तर्क है. चुनावी बॉन्ड की कहानी को देखें, यह पूरी तरह से बदले की भावना का मामला है.'' उन्होंने दावा किया, ‘‘जहां तक प्रधानमंत्री मोदी का सवाल है, यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि भ्रष्टाचार एक खोखला मुद्दा है.''
रमेश ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी ने कहा है कि वह ‘इंडिया' गठबंधन का हिस्सा हैं. वह हमारे साथ सीट साझा नहीं कर रही हैं, लेकिन वह काफी हद तक गठबंधन का हिस्सा हैं.'' केजरीवाल की गिरफ्तारी से विपक्ष पर क्या प्रभाव पड़ेगा, खासकर जब प्रधानमंत्री दिल्ली के मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन के मामलों का इस्तेमाल कर भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रहे हैं, इस पर रमेश ने कहा, ‘‘चुनावी बॉन्ड मुद्दे के बाद यह साफ हो गया है कि चंदा दो, धंधा लो.''
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा क्रमश: अमेठी और रायबरेली सीटों से चुनाव लड़ेंगे या उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने पारिवारिक क्षेत्र छोड़ दिए हैं, रमेश ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने कहा था कि वह पार्टी के एक वफादार सिपाही हैं और अगर पार्टी उनसे चुनाव लड़ने का कहेगी तो वह ऐसा करेंगे.'' उन्होंने इस बात को भी खारिज कर दिया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘कोई भी वरिष्ठ नेता इन लोकसभा चुनावों में लड़ने से बच नहीं रहा है. मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई नेता है जिसे चुनाव लड़ने के लिए कहा गया हो और वह चुनाव नहीं लड़ रहा हो.'' यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व से परे देख रही है, रमेश ने कहा कि राहुल संगठन का नेतृत्व कर रहे हैं और उन्होंने भारत जोड़ो यात्राएं की हैं, जो देश में किसी अन्य नेता ने नहीं की है.
रमेश ने कहा, ‘‘उनकी (राहुल) राजनीति एक अलग तरह की राजनीति है. उनकी राजनीति आंदोलन की राजनीति है. वह संगठन को पुनर्जीवित करना और नया रूप देना चाहते हैं.'' रमेश ने कहा कि गांधी संगठन में नई ऊर्जा भरने में ‘‘असाधारण रूप से सफल'' रहे हैं और उनके नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा' के बाद सभी उन्हें अलग नजरिए से देखने के लिए मजबूर हो गए हैं.
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