
- लोकसभा चुनाव नतीजों के करीब एक साल बाद इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक शनिवार शाम को होगी.
- बैठक में वोटर लिस्ट रिवीजन, पहलगाम आतंकी हमला और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों को लेकर संसद में मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जा सकती है.
- कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, डीएमके, समाजवादी पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, शिवसेना, आरजेडी, सीपीएम और सीपीआई के शीर्ष नेता बैठक में शामिल हो सकते हैं.
लोकसभा चुनाव नतीजों के करीब एक साल बाद इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं की बैठक शनिवार शाम को होगी. यह बैठक वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए होगी, जिसमें गठबंधन में शामिल सभी दलों के अध्यक्षों को शामिल होने का न्योता दिया गया है. इसका ऐलान कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने किया. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में वोटर लिस्ट रिवीजन, पहलगाम आतंकी हमला और सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों को लेकर चर्चा होगी और संसद में मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जाएगी.
इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं की पिछली बैठक लोकसभा चुनाव नतीजों से तीन दिन पहले पिछले साल एक जून को हुई थी. लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी, लेकिन बीते विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को लगे झटकों के कारण इसका माहौल नहीं बन पा रहा था. बहरहाल शनिवार को होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर आयोजित करने का विचार था, लेकिन जानकारी के मुताबिक प्रमुख नेताओं की व्यस्तता और कम समय के मद्देनजर इसे ऑनलाइन करने पर सहमति बनी.
ये नेता हो सकते हैं शामिल
इस बैठक में कांग्रेस से राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, एनसीपी एसपी से शरद पवार, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, सीपीएम महासचिव एम ए बेबी, सीपीआई महासचिव डी राजा और सीपीआई एमएल महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य जैसे विपक्ष के बड़े चेहरों के साथ ही कुछ छोटे दलों के नेताओं के शामिल होने की संभावना है.
आम आदमी पार्टी को न्योते को लेकर तस्वीर साफ नहीं है. हालांकि कांग्रेस सूत्रों का कहना है आम आदमी पार्टी खुद ही इंडिया गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर चुकी है तो गठबंधन की बैठक में न्योते का कोई मतलब नहीं है.
इन मुद्दों पर हो सकता है मंथन
सूत्रों के अनुसार संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले हो रही इंडिया गठबंधन की इस अहम बैठक में चुनाव आयोग द्वारा बिहार में करवाए जा रहे वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) को लेकर चर्चा होगी और इसको लेकर साझा रणनीति बनाई जाएगी, क्योंकि संभावना है कि आने वाले दिनों में यह प्रक्रिया देश के अन्य राज्यों में भी शुरू की जा सकती है. इसके साथ ही पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों के अब तक नहीं पकड़े जाने, पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर लगे अचानक ब्रेक और भारत –पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड डील से जुड़े दावों को लेकर विपक्षी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरेंगे. बैठक में सरकार की विदेश नीति को लेकर भी सवाल उठाए जा सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक बैठक में तय किया जाएगा कि संसद सत्र के दौरान इन मुद्दों को लेकर सरकार को किस तरह घेरा जाए और सवाल पूछे जाएं. साल भर बाद एक साथ बैठ रहे इंडिया गठबंधन के नेताओं की कोशिश होगी कि बैठकों का सिलसिला आगे भी जारी रहे. अगली बैठक दिल्ली या पटना में बुलाने को लेकर भी चर्चा हो सकती है.
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