फाइल फोटो
श्रीनगर:
श्रीनगर में एक एटीएम बूथ पर बुधवार को एक गार्ड का शव मिलने के बाद तनाव और बढ़ गया। अधिकारियों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि गार्ड को बेहद करीब से तीन सौ पैलेट गोलियां मारी गईं हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से रियाज अहमद शाह की मौत का कारण पता चल गया है। चिकित्सकों ने बताया है कि उनके पेट में 300 छर्रे पाए गए हैं।
हस्यमयी परिस्थितियों में पाया गया था मृत
रियाज को बुधवार सुबह रहस्यमयी परिस्थितियों में यहां करन नगर में सरकारी मेडिकल कॉलेज के पास मृत पाया गया। पुलिस ने इससे पहले कहा था कि किसी धारदार हथियार से उनकी हत्या की गई है। लेकिन, पीड़ित के परिवार और स्थानीय नागरिकों का दावा है कि सुरक्षा बलों ने उनकी हत्या की है। एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने यहां कहा, 'जो भी इस हत्या के लिए जिम्मेदार हैं, उनकी पहचान की जाएगी और उन पर कार्रवाई होगी।'
अब तक मरने वालों की संख्या 53 हो गई है
युवक की हत्या के बाद से नौ जुलाई से घाटी में शुरू हुए संघर्ष में मरने वालों की संख्या 53 हो गई है। इसमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इससे पहले श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगलवार शाम को एक प्रदर्शनकारी को मृत पाया गया। उसे गोली लगी थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'पुलवामा जिले के लेथपोरा में रविवार को भीड़ ने अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त (रामबन) के वाहन पर हमला कर दिया था। इसके बाद उनके सुरक्षाकर्मी ने गोली चला दी। इस घटना में एक नागरिक की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया।'
श्रीनगर इलाके में प्रदर्शनकारियों की नारेबाजी
प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को श्रीनगर इलाके में नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि गार्ड की सुरक्षा बलों द्वारा गोली मारकर हत्या की गई है। अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दक्षिण कश्मीरी इलाकों में कर्फ्यू और घाटी में कई अन्य जगहों पर प्रतिबंध लगा रखे हैं। श्रीनगर में बढ़ते तनाव को देख बुधवार को पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों की तैनाती की गई है।
5 अगस्त तक राज्य में बंद का आह्वान
अलगाववादियों ने पांच अगस्त तक राज्य में बंद का आह्वान किया है और स्थानीय लोगों से शाम छह बजे के बाद सामान्य गतिविधियां करने को कहा है। सुरक्षा बलों के साथ आठ जुलाई को हुई मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से अलगाववादियों के बंद के आह्वान को 25 दिन बीत चुके हैं। स्वास्थ्य, जल आपूर्ति, बिजली, खाद्य आपूर्ति, पुलिस और अन्य सेवाओं को छोड़कर रेल सेवा, शैक्षिक संस्थान, बैंक, डाकघर और सरकारी कार्यालय पिछले 24 दिनों से बंद हैं। हालांकि, पिछले दो दिनों से कुछ सरकारी और शैक्षिक संस्थान के सदस्य काम कर रहे हैं। बीते दो दिनों से घाटी में हालात कुछ बेहतर होते नजर आए हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हस्यमयी परिस्थितियों में पाया गया था मृत
रियाज को बुधवार सुबह रहस्यमयी परिस्थितियों में यहां करन नगर में सरकारी मेडिकल कॉलेज के पास मृत पाया गया। पुलिस ने इससे पहले कहा था कि किसी धारदार हथियार से उनकी हत्या की गई है। लेकिन, पीड़ित के परिवार और स्थानीय नागरिकों का दावा है कि सुरक्षा बलों ने उनकी हत्या की है। एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने यहां कहा, 'जो भी इस हत्या के लिए जिम्मेदार हैं, उनकी पहचान की जाएगी और उन पर कार्रवाई होगी।'
अब तक मरने वालों की संख्या 53 हो गई है
युवक की हत्या के बाद से नौ जुलाई से घाटी में शुरू हुए संघर्ष में मरने वालों की संख्या 53 हो गई है। इसमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इससे पहले श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगलवार शाम को एक प्रदर्शनकारी को मृत पाया गया। उसे गोली लगी थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'पुलवामा जिले के लेथपोरा में रविवार को भीड़ ने अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त (रामबन) के वाहन पर हमला कर दिया था। इसके बाद उनके सुरक्षाकर्मी ने गोली चला दी। इस घटना में एक नागरिक की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया।'
श्रीनगर इलाके में प्रदर्शनकारियों की नारेबाजी
प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को श्रीनगर इलाके में नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि गार्ड की सुरक्षा बलों द्वारा गोली मारकर हत्या की गई है। अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दक्षिण कश्मीरी इलाकों में कर्फ्यू और घाटी में कई अन्य जगहों पर प्रतिबंध लगा रखे हैं। श्रीनगर में बढ़ते तनाव को देख बुधवार को पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों की तैनाती की गई है।
5 अगस्त तक राज्य में बंद का आह्वान
अलगाववादियों ने पांच अगस्त तक राज्य में बंद का आह्वान किया है और स्थानीय लोगों से शाम छह बजे के बाद सामान्य गतिविधियां करने को कहा है। सुरक्षा बलों के साथ आठ जुलाई को हुई मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से अलगाववादियों के बंद के आह्वान को 25 दिन बीत चुके हैं। स्वास्थ्य, जल आपूर्ति, बिजली, खाद्य आपूर्ति, पुलिस और अन्य सेवाओं को छोड़कर रेल सेवा, शैक्षिक संस्थान, बैंक, डाकघर और सरकारी कार्यालय पिछले 24 दिनों से बंद हैं। हालांकि, पिछले दो दिनों से कुछ सरकारी और शैक्षिक संस्थान के सदस्य काम कर रहे हैं। बीते दो दिनों से घाटी में हालात कुछ बेहतर होते नजर आए हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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