नई दिल्ली: नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर अधिनम (तमिलनाडु के संत) महंत से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया. अधिनम महंत ने सेंगोल को प्रधानमंत्री मोदी को सौंपा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. नए संसद भवन का उद्घाटन वैदिक विधि विधान के साथ किया जाएगा.
अधिनम महंतों से मुलाकात के बाद PM मोदी ने कहा, "आज मेरे निवास स्थान पर आप सभी के चरण पड़े हैं. ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है. मुझे इस बात की भी बहुत खुशी है कि कल नए संसद भवन के लोकार्पण के समय आप सभी वहां आकर आशीर्वाद देने वाले हैं."
नए संसद भवन में सेंगोल को स्थापित करने से पहले अधिनम महंतों से PM मोदी ने मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "तमिल परंपरा में शासन चलाने वाले को सेंगोल दिया जाता था, सेंगोल इस बात का प्रतीक था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की जिम्मेदारी है और वो कभी कर्तव्य के मार्ग से विचलित नहीं होगा."
PM मोदी ने कहा, "हमारे स्वतंत्रता संग्राम में तमिलनाडु की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. भारत की आजादी में तमिल लोगों के योगदान को वो महत्व नहीं दिया गया जो दिया जाना चाहिए था. अब बीजेपी ने इस विषय को प्रमुखता से उठाना शुरू किया है."
PM मोदी ने कहा, "सेंगोल को प्रदर्शनी के लिए रख दिया गया था. आपका ये सेवक और हमारी सरकार अब उस सेंगोल को आनंद भवन से निकाल कर लाई है. आज आज़ादी के उस प्रथम पल को नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना के समय हमें फिर से पुनर्जीवित करने का मौका मिला है."
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते शुक्रवार को कहा था कि नया संसद भवन हर भारतीय को गौरवान्वित करेगा. उन्होंने नवनिर्मित परिसर का एक वीडियो भी साझा किया. PM मोदी ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट करते हुए लोगों से ‘माई पार्लियामेंट माई प्राइड' हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए अपने ‘वॉयसओवर' के साथ वीडियो साझा करने का भी आग्रह किया था.
नए संसद भवन में लोकसभा स्पीकर के आसन के पास सेंगोल को स्थापित किया जाएगा. नए परिसर के औपचारिक उद्घाटन के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सहित अन्य के मौजूद रहने की उम्मीद है. त्रिकोणीय आकार के चार मंजिला संसद भवन का निर्माण क्षेत्र 64,500 वर्गमीटर है. इस इमारत के तीन मुख्य द्वार- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार हैं.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने सेंगोल को लेकर NDTV को एक किस्सा बताया. NDTV से बातचीत के दौरान मीनाक्षी लेखी ने कहा कि नए संसद भवन में भारतीय संस्कृति और कला का समावेश मिलेगा. उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत में जब हम आजादी का अमृत मोहत्सव मना रहे हैं तो इससे बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती थी. उन्होंने कहा कि हर वो चीज जो हमें भारत के इतिहास की याद दिलाती है, उस पर हमें गौरवान्वित होना चाहिए. देश की नई संसद के माध्यम से भारत की शिल्पकला, परंपराएं और इतिहास सामने आएगा.
"पहले के लोगों ने भारत के इतिहास को सही से नहीं दर्शाया"
'सेंगोल' को लेकर हो रहे विवाद पर भी मीनाक्षी लेखी ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों पर आरोप नहीं लगाती जो सेंगोल को लेकर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि इसकी वजह है. वजह ये है कि भारत की जो सर्वश्रेष्ठ परंपराएं है उससे ये लोग अनभिज्ञ हैं. और उनकी अनभिज्ञता का कारण है कि भारत के इतिहास को कभी सही तरीके से दर्शाया ही नहीं गया, अगर दर्शाया गया होता तो शायद इस तरीके की बात ये लोग नहीं करते. मैं आपको बताना चाहती हूं कि वैदिक काल में जो राजा है, उसका चयन एक चुनाव के माध्यम से होता था. यानी तकरीबन आज के जो प्रधानमंत्री हैं उन्हें ही राजन कहा जाता था. राजन एक टाइटल होता था.
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