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This Article is From Jan 09, 2023

'धंसते' जोशीमठ में, सैटेलाइट से किए गए सर्वेक्षण के बाद 600 घरों को कराया गया खाली

लगातार जमीन घंसने की घटनाओं के मद्देनजर जोशीमठ को 'sinking zone (धंसता क्षेत्र)' घोषित किया गया है, यहां के कई घरों और सड़कों में पिछले कुछ दिनों में दरारें आई है.

'धंसते' जोशीमठ में, सैटेलाइट से किए गए सर्वेक्षण के बाद 600 घरों को कराया गया खाली

उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) में जमीन धंसने की घटना को देखते हुए प्रशासन हरकत में है. सैटेलाइट सर्वेक्षण के बाद जोशीमठ से 600 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करवाया गया है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि हमारी जानकारी के अनुसार 600 घरों को खाली करा लिया गया है और लगभग 4,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है.अधिकारी ने कहा कि सेना और आईटीबीपी प्रतिष्ठानों के निचले हिस्सों में भी कुछ दरारें देखी गईं है, हालात को देखते हुए पर्याप्त सुरक्षा उपाय अपनाए जा रहे हैं.

सरकार की तरफ से आपदा बुलेटिन जारी किया गया है.प्रथम चरण में कुल 678 भवन और 2 होटल चिन्हित किए गए हैं. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि ज्योर्तिमठ  के प्रतिनिधियों की सीएम धामी से मुलाकात हुई है.शंकराचार्य से फ़ोन पर सीएम पुष्कर धामी ने बात की है. शंकराचार्य ने सीएम से प्रशासन की तैयारी और बेहतर करने के लिए कहा है.

चमोली जिले के डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि हालात की गंभीरता को देखते हुए इस धार्मिक शहर की सभी खतरनाक इमारतों पर लाल रंग से 'X'का चिन्‍ह अंकित किया जा रहा है. जिला प्रशासन की ओर से इन इमारतों को रहने के लिहाज से असुरक्षित घोषित किए जाने के बाद इसके निवासियों को सुरक्षित स्‍थान पर शिफ्ट किया जा रहा है. चमोली के डिस्ट्रिक्‍ट मजिस्‍ट्रेट हिमांशु खुराना ने सोमवार को न्‍यूज एजेंसी ANI से कहा, "आपदा प्रबंधन अधिनियम (Disaster Management Act) के तहत, हमने उन असुरक्षित क्षेत्रों को चिह्नित किया है जो रहने के लिहाज से अनुपयुक्त हैं. इन क्षेत्रों में सिंधी गांधीनगर और मनोहर बाग शामिल हैं."

बताते चलें कि लगातार जमीन घंसने की घटनाओं के मद्देनजर जोशीमठ को 'sinking zone (धंसता क्षेत्र)' घोषित किया गया है, यहां के कई घरों और सड़कों में पिछले कुछ दिनों में दरारें आई हैं जिसके चलते क्षेत्र के निवासियों में डर व्‍याप्‍त है. 6150 फीट (1875 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ, कई हिमालयी पर्वतारोहण अभियानों, ट्रेकिंग अभियानों और केदारनाथ व बद्रीनाथ जैसे लोकप्रिय तीर्थस्थलों का प्रवेशद्वार है. 

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