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This Article is From Jul 11, 2022

सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना vs शिवसेना की लड़ाई में अब तक कोई फैसला नहीं

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि इस मामले में, जिसमें कई याचिकाएं शामिल हैं के लिए एक पीठ के गठन की आवश्यकता होगी और इसे सूचीबद्ध होने में कुछ समय लगेगा.

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सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र मामले पर तुरंत सुनवाई से किया इंकार

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने आज शिवसेना पर कब्जे को लेकर टीम ठाकरे और टीम शिंदे के बीच कानूनी लड़ाई पर फिलहाल विराम लगा दिया है. अदालत ने विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता के नोटिस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को सूचित किया जाना चाहिए कि उन्हें अयोग्यता नोटिस पर तब तक फैसला नहीं करना चाहिए जब तक कि अदालत उन पर फैसला न दे.

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि इस मामले में, जिसमें कई याचिकाएं शामिल हैं के लिए एक पीठ के गठन की आवश्यकता होगी और इसे सूचीबद्ध होने में कुछ समय लगेगा. इससे पहले  कपिल सिब्बल ने उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से महाराष्ट्र मामले की जल्द सुनवाई की मांग CJI से की थी. 

महाराष्ट्र मामले में कपिल सिब्बल ने दलील दी कि 39 विधायकों की अयोग्यता का मामला सुप्रीम कोर्ट ने 27 जून को 11 जुलाई के लिए  लगाया गया था, आज नहीं लगा. गवर्नर की ओर से तुषार मेहता ने दलील रखी. सीजेआई ने कहा कि स्पीकर को सूचित करें कि विधायकों के खिलाफ कोई एक्शन या सुनवाई अभी न करें. कोर्ट में फैसला आने तक स्थगित रखा जाए. राज्यपाल की तरफ से पेश SG तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया की वो स्पीकर को इस बाबत जानकारी दे देंगे.

इस मामले को लेकर संजय राउत ने ANI से कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र में एक सरकार को थोंपा, वह पूरी तरह से अवैध है. यह सरकार संविधान के मुताबिक नहीं बनी है. यह विधायकों के अयोग्य होने का मुद्दा है. सर्वोच्च न्यायालय में एक फैसला हो रहा है, उससे पता चलेगा कि देश में संविधान, क़ानून है या उसकी हत्या हो चुकी है.

बता दें कि शिवसेना नेता और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने बीते दिनों पार्टी के 37 से अधिक विधायकों के साथ बगावत कर दी थी. इस कारण राज्य में सियासी संकट आ गया. हफ्ते भर से अधिक चले सियासी खींचतान के बाद शिंदे ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर सरकार बना ली.  पार्टी से बगावत के बाद बनी सरकार में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री.हालांकि, नई सरकार के गठन को उद्धव खेमे ने चुनौती दी, जिसके बाद विधानसभा में एकनाथ शिंदे को फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ा. फ्लोर टेस्ट में उन्होंने सफलता हासिल की. 

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