NDTV ने आज भारत के लिए हाल ही में स्वीकृत कोविड पिल के निर्माता से बात की. अमेरिकी फार्मा दिग्गज मर्क ने भारत में मोलनुपीराविर के निर्माण करने के लिए दर्जन से अधिक फर्मों को लाइसेंस दिया है. ऑप्टिमस फार्मा के शीर्ष बॉस डॉ डी श्रीनिवास रेड्डी के साथ एक विस्तृत साक्षात्कार के बाद इस गोली के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त हुई. दो दिन पहले आपातकालीन मंजूरी के बाद ऑप्टिमस फार्मा इस गोली को बनाने वाली कंपनी में से एक है. यहां पढ़ें क्या है मोलनुपीराविर में खास -
1. भारत में 1,000 से अधिक लोगों को शामिल किए गए परीक्षणों में पूरा कोर्स लेने वाले अधिकांश रोगियों की पांच दिन बाद कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आई.
2. यह गोली काउंटर पर उपलब्ध नहीं होगी, केवल डॉक्टर के लिखने पर ही मिल सकेगी.
3. पूरे कोर्स की लागत ₹ 2,500 है लेकिन यह कीमत समय के साथ कम होकर ₹ 400 प्रति कोर्स हो सकती है.
4. पूरे पांच दिन के कोर्स में प्रति दिन 8 गोलियां होती हैं.
5. 4 गोलियां सुबह (खाली पेट) और शाम को 4 गोलियां लें
6. गोली के शुरुआती रोलआउट में इसे महानगरों में उपलब्ध कराने पर ध्यान दिया जाएगा.
7. एक सप्ताह में गोली उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाएगी.
ऑप्टिमस फार्मा के डॉ रेड्डी ने कहा कि कंपनी दूसरी कोविड गोली, पैक्सलोविड बनाने के लिए भी बातचीत कर रही है, जिसे फाइजर द्वारा विकसित किया गया था और जो मोलनुपीराविर के 30% की तुलना में 90% की प्रभावकारिता दिखाती है.
एक बार फाइजर संस्करण के लिए आपातकालीन मंजूरी मिलने के बाद, यह भारत में ऑप्टिमस द्वारा पांच से छह महीनों में उपयोग के लिए तैयार हो सकती है, डॉ रेड्डी ने दावा किया. उन्होंने कहा कि यह मोलनुपीराविर की तुलना में बहुत अधिक महंगी होगी और एक सप्ताह में उपलब्ध होने वाली मर्क की गोली की कीमत से चार गुना अधिक महंगी हो सकती है.
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