भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उत्तर पश्चिम भारत में सात मई से और मध्य भारत में आठ मई से फिर से लू चलने की संभावना है. आईएमडी ने कहा कि राजस्थान में सात मई से नौ मई तक, और आठ मई और नौ मई को दक्षिण हरियाणा, दिल्ली, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में लू की स्थिति बनने का अनुमान है.
कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण कम बारिश के साथ, उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में 122 वर्षों में इस साल अप्रैल सबसे गर्म रहा, जिसमें औसत अधिकतम तापमान क्रमशः 35.9 डिग्री सेल्सियस और 37.78 डिग्री सेल्सियस था. देश में कई स्थानों पर अप्रैल के लिए अब तक का सर्वकालिक उच्च तापमान दर्ज किया गया था क्योंकि महीने के अंत में तेज गर्मी के प्रभाव में पारा 46-47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. भीषण गर्मी के बीच, देश में बिजली की चरम मांग शुक्रवार को 207.11 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी.
आईएमडी के 122 साल के रिकॉर्ड के अनुसार भारत में इस साल मार्च सबसे गर्म रहा और बारिश में 71 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई. अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री अधिक होने पर लू की स्थिति घोषित की जाती है. आईएमडी के अनुसार, तापमान यदि सामान्य से 6.4 डिग्री अधिक है, तो गंभीर लू की स्थिति घोषित की जाती है.
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इससे पहले ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विभिन्न हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी से निपटने और मॉनसून से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा के लिए बृहस्पतिवार को आयोजित एक अहम बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में उन्होंने भीषण गर्मी या आग लगने की घटनाओं से होने वाली मौतों को रोकने के लिये हरसंभव कदम उठाने की आवश्यकता जताई.
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