- IIT दिल्ली की शोध में पता चला है कि GPS लोकेशन केवल स्थिति नहीं बल्कि आपकी कई गतिविधियों को भी रिकॉर्ड करता है
- GPS के मापदंडों से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आप कैसे खड़े हैं, लेटे हैं और किस क्षेत्र में हैं
- शोध में यह निष्कर्ष निकला है कि GPS 87 प्रतिशत सटीकता के साथ मानव गतिविधियों की पहचान कर सकता है
कई बार जब आप अपने स्मार्ट फोन में कोई App डाउनलोड करते हैं तो आपको अपनी लॉकेशन को भी allow करते हैं लेकिन IIT Delhi की कंप्यूटर विज्ञान के एक शोध में पता चला है कि लॉकेशन ऑन करते ही आपके एंड्रॉइड फोन का सेंसर आपकी लॉकेशन ही नहीं बल्कि आपकी कई गतिविधियों को भी रिकार्ड यानि दर्ज करने लगते हैं.
IIT Delhi के प्रोफेसर डा. स्मृति आर सारंगी कहते हैं कि GPS लोकेशन केवल आपकी स्थिति ही नहीं बल्कि आपके गतिविधियों को भी दर्ज करता है. जिसका उपयोग कई संस्थाएं गलत तरीके से कर सकती हैं. IIT Delhi की रिसर्च में सामने आया कि GPS के कई मापदंड ये अनुमान लगा लेते हैं कि आप कैसे खड़े हैं कैसे लेटे हैं किस एरिया में हैं यही नहीं भीड़ वाली जगह पर हैं या कितने क्षेत्रफल में हैं यहां तक कि सेंसर नेटवर्क पर लेनदेन जैसी गोपनीयता को भी समझ सकते हैं.
IIT दिल्ली ने इस रिसर्च पर एक साल का वक्त और तमाम रिसर्चर की टीम के साथ बड़े व्यापक स्तर पर किया है. इसके बाद ये निष्कर्ष निकाला है कि मानव गतिविधियों को GPS 87 फ़ीसदी सटीकता के साथ पहचान सकता है. GPS को अमरीका के रक्षा विभाग ने 1973 में लॉच किया था. ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम के अन्तर्गत ये काम करता है. इस वक्त इस सिस्टम के अन्तर्गत 31 सेटेलाइट हैं जो पृथ्वी के अर्बिट में दो हजार किमी ऊपर चक्कर लगाते हैं. अब इतने आधुनिक बदलाव हो चुके हैं कि इनकी लगातार त्रुटि घट रही है और लोकेशन की सटीकता बढ़ रही है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं