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डेढ़ घंटे की बारिश ने 15 साल की मेहनत पर फेर दिया पानी, दिल्ली IIT को हो गया ये बड़ा नुकसान

अरबिंदो रोड का ड्रेनेज सिस्टम खराब होने के चलते बेसमेंट के लैब में पानी भर गया. कुसुमा प्रयोगशाला में ड्रेनेज का पानी आने से रिसर्च छात्रों के 15 साल का बॉयोलॉजिकल क्षेत्र में किए गए टिश्यू कल्चर रिसर्च बरबाद हो गया.

डेढ़ घंटे की बारिश ने 15 साल की मेहनत पर फेर दिया पानी, दिल्ली IIT को हो गया ये बड़ा नुकसान
नई दिल्ली:

दिल्ली की बारिश से पूरी दिल्लीवासियों को परेशानी हुई है. सड़कों में गड्ढे पड़े हैं, घरों और बेसमेंट में पानी घुस गए हैं. इसी बीच दिल्ली के आईआईटी के रिसर्च लैब भी तबाह हुआ है. दरअसल 29 जून को दिल्ली की बारिश में आईआईटी की प्रयोगशाला में खासा नुकसान हुआ है. अरबिंदो रोड का ड्रेनेज सिस्टम खराब होने के चलते बेसमेंट के लैब में पानी भर गया. कुसुमा प्रयोगशाला में ड्रेनेज का पानी आने से रिसर्च छात्रों के 15 साल का बॉयोलॉजिकल क्षेत्र में किए गए टिश्यू कल्चर रिसर्च बरबाद हो गया.

15 साल की मेहनत बेकार

कुसुमा स्कूल आफ बॉयलॉजिकल साइंस के प्रोफेसर आदित्य मित्तल ने बताया कि उनकी पंद्रह साल की रिसर्च में कई तरह के कल्चर का विकास किया था. उनकों सालों से न्यूनतम तापमान पर रखा गया था..वो सब बेकार हो गया. उन्होंने बताया कि एक छात्र जो अब विदेश में एक बड़ी कंपनी का मालिक है. उसके साथ मिलकर हमने एक महत्वपूर्ण प्लांट का सेल बनाया था अब मैं उसको नहीं बुला सकता है कि कैसे उसने रिसर्च करके ये बनाया था.

11 करोड़ की मदद 

हालांकि आईआईटी दिल्ली से अब दोबारा लैब बनाने के लिए 11 करोड़ रुपए की मदद दी है. लेकिन आईआईटी के डीन छात्र कल्याण और कुसुमा स्कूल आफ बॉयलॉजिकल साइंस के विभाग्याक्ष खासे निराश है, उनका कहना है कि एक झटके से उनके सालों की रिसर्च पर पानी फिर गया.

आत्महत्या रोकने के लिए IIT ने की कोशिश 

IIT  दिल्ली में जगह जगह एक पोस्टर लगा है... जागते रहे help report support ये पोस्टर कमजोर छात्रों की मानसिक मजबूती के लिए लगाया गया है..इसके अलावा अभिभावकों की काउंसलिंग भी कर रहे हैं ताकि छात्रों के बढ़ते मानसिक दबाव और आत्महत्या को  कम से कम किया जा सके..यही नहीं उनका स्टडी प्लान बनाने के अलावा पढ़ाई में कमजोर छात्रों के लिए आईआईटी दिल्ली ने अपने क्रेडिट स्कोर में भी संशोधन किया है. पहले कमजोर छात्रों को भी cgpa 4 क्रेडिट लाना जरुरी था लेकिन अब अगर कोई छात्र हर विषय में ग्रेड डी भी लाता है तो वो दूसरे सेमेस्टर में जा सकता है.  दिल्ली के डायरेक्टर रंगन बनर्जी का कहना है कि आईआईटी दिल्ली के छात्रों को बोला जाता है कि वो समाजिकतौर पर हमेशा एक दूसरे के साथ जुड़े रहें सिर्फ सोशल मीडिया पर ही निर्भर न रहे.
 

UAE में खुला पहला कैंपस

आईआईटी दिल्ली ने अपना पहला विदेशी कैंपस UAE  में भी खोला है. यूएई में आईआईटी दिल्ली के कैंपस में बीई कंप्यूटर साइंस समेत दो ब्रांच में 60 छात्रों के लिए कैंपस खोला गया है..इसमें 10 सीटें भारत के जेईई पास छात्रों के लिए है बाकि 20 यूएई के छात्रों के दाखिले के लिए है..दिल्ली आईआईटी का कहना है कि एक अनुरोध इजिप्ट Egypt देश से भी कैंपस खोलने के लिए आया था.. लेकिन फिलहाल हम यूएई पर ही फोकस कर रहे हैं                                                   

आईआईटी दिल्ली की ग्लोबल रैंकिंग 44 है 

आईआईटी दिल्ली में हर साल करीब 2 हजार छात्र बीटेक से पास होकर निकलता है जबकि 400 छात्र मास्टर डिग्री में लेकर निकलता है..अच्छी बात ये है कि अब आईआईटी में रिसर्च करने वालों में महिलाओं की तादात बढ़ रही है.. यही नहीं इस साल 1280 में से करीब 1200 छात्रों का प्लेसमेंट हो चुका है..                                                                             

AI के लिए आईआईटी दिल्ली बना रहा है गाइड लाइन 

AI का इस्तेमाल शिक्षक और छात्र कितना करे इसको लेकर एक कमेटी का गठन किया गया है. इसको लेकर जल्द ही एक नई गाइड लाइन को लेकर आईआईटी आएगा.

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