धनखड़ ने जागरूक नागरिकों को किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सबसे बड़ी ताकत बताया.
नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि संसद एक मंदिर है जहां पर बहस, चर्चा और संवाद होना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई यह उम्मीद नहीं करता है कि संसद में अशांति होगी. उन्होंने कहा कि आप चाहते हैं कि आपके प्रतिनिधि राष्ट्र के हित में काम करें. उपराष्ट्रपति प्रगति मैदान में आयोजित पुस्तकालय महोत्सव के समापन समारोह में बोल रहे थे. इसके साथ ही उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि यदि संसद में चर्चा नहीं होगी तो संविधान के प्रति गैर जवाबदेह ताकतों का कब्जा हो जाएगा.