देश में बेरोजगारी बढ़ने पर शिवसेना ने पीएम नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लिया है. शिवसेना ने सोमवार को पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वह रोजगार सृजन का श्रेय लेना चाहते हैं तो उन्हें देश में घटी नौकरियों की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना' में एक संपादकीय में शिवसेना ने सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया कि पिछले एक साल में देश में 1.09 करोड़ नौकरियां खत्म हुईं. शिवसेना केंद्र एवं महाराष्ट्र में बीजेपी नीत सरकार की सहयोगी है.
संपादकीय में कहा गया है कि “अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 70 लाख नौकरियों के सृजन का श्रेय चाहते हैं तो उन्हें एक साल में 1.09 करोड़ नौकरियां घटने की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.” बीजेपी से अक्सर नोंक-झोंक में उलझने वाली सहयोगी शिवसेना केंद्र को आगाह करती आई है कि जो युवा उसे सत्ता में लेकर आए थे वही उसे सत्ता से बेदखल भी कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें : अमित शाह ने शिवसेना को दी चेतावनी, बोले- यदि गठबंधन नहीं हुआ तो पूर्व सहयोगी दलों को देंगे करारी शिकस्त
शिवसेना ने चेताया, “भाजपा सरकार को नौकरी की तलाश कर रहे बेरोजगार युवाओं की भावनाओं के साथ नहीं खेलना चाहिए.” पार्टी ने कहा, “पहले आप बड़े-बड़े वादे करते हैं उसके बाद उनके पूरे होने के दावे करते हैं. लेकिन पिछले चार साल में एक भी साकार नहीं हुआ. रोजगार सृजन का बुलबुला अंतत: सीएमआईई की रिपोर्ट से फूट गया.”
यह भी पढ़ें : राम मंदिर निर्माण पर शिवसेना का प्रहार: BJP ने भारत को धोखा दिया, राम मंदिर अभी नहीं तो कभी नहीं
इसके अलावा पार्टी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के सभी को नौकरी देने में अपनी सरकार की असमर्थता जताने संबंधी पूर्व के बयानों का भी हवाला दिया है.
VIDEO : 'चार राज्य बीजेपी मुक्त'
(इनपुट भाषा से)