अरुणांचल प्रदेश के बोमडिला थाने में अफसरों को धमकाते हुए कैमरे में कैद हुए सेना के मेजर फिरदौस.
पठानकोट (पंजाब):
अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला थाने में हुई सेना और पुलिस के बीच झड़प के संबंध में थलसेना प्रमुख बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि इस घटना की जांच की जा रही है और दोषी जवानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों के अनुसार, दो नवंबर को सैनिकों के एक समूह ने पश्चिम कामेंग जिले के बोमडिला में आयोजित बुद्ध महोत्सव में आम नागरिकों और पुलिसकर्मियों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया था. उन्होंने कहा था कि इस संबंध में दो सैनिकों को स्थानीय थाने में लाया गया था. इसके बाद कुछ सैनिकों ने बोमडिला थाने में तोड़फोड़ की और पुलिसकर्मियों तथा नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार किया था. जवानों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर रावत ने यहां कहा, ‘‘ हम इस मामले की जांच कर रहे हैं. अगर कोई जवान दोषी पाया गया तो हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.''
इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था. आरोप है कि सेना के कर्नल फिरदौज ने पश्चिम कामेंग जिले की जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) सोनल स्वरूप और एसपी सहित बोमडिला थाने के पुलिस अधिकारियों को धमकी दी. उनके कहने पर जवानों ने थाने में तोड़फोड़ भी की. आईपीएस और आईएएस एसोसिएशन ने एक वीडियो भी ट्वीट किया है, जिसमें दिख रहे कर्नल यह कहते हुए सुनाई दे रहे- यह मेरी तुम्हें डायरेक्ट धमकी है, अगर मेरे लड़कों को फिर टच किया तो फिर देख लेना.... इस घटना के बाद आइपीएस एसोसिएशन ने #ArmyNotAboveLaw हैशटैग के साथ किए ट्वीट में सेना को भी टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की है.
यह भी पढ़ें: थाने में घुस सेना के कर्नल ने धमकाया- दोबारा मेरे लड़कों को पकड़ा तो फिर..., DM-SP को भी नहीं छोड़ा
इंडियन सिविल एंड एडमिनिस्ट्रेशन सर्विसेज़ (सेन्ट्रल) एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने रक्षा सचिव संजय मित्रा को लिखे पत्र में कहा था कि भारतीय सेना अपनी बहादुरी और स्त्री-पुरुष के प्रति सम्मान और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए जानी जाती है. हमें अपनी सेना पर गर्व है. मगर यह मामला निंदनीय है और कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने सेना से यह सुनिश्चित करने की मांग किया कि कथित दोषियों को सजा दी जाए ताकि ‘‘ऐसी घटनाएं सशस्त्र बलों की शानदार विरासत में अपवाद रहें.''
क्या है पूरा मामला
अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में सेना की एक बटालियन तैनात है. जिसका नाम है अरुणाचल स्काउट्स. घटना दो नवंबर की है. जब बोमडिला में बुद्ध महोत्सव चल रहा था. इस दौरान इस बटालियन के दो जवानों को पुलिस थाने उठा ले आई. आरोप था कि महोत्सव स्थल पर सेना के जवानों के एक गुट ने हंगामा और मारपीट की. नागरिकों की शिकायत पर पुलिस उन्हें थाने ले गई. इसकी खबर जब बटालियन का नेतृत्व कर रहे कर्नल फिरदौस पी को हुई तो वह मेजर कौशिक रॉय के साथ थाने पहुंचे. उन्होंने पुलिसकर्मियों को धमकाना शुरू किया. आईएएस एसोसिएशन के मुताबिक कर्नल ने जिले की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कम डिप्टी कमिश्नर सोनल स्वरूप और एसपी से भी दुर्व्यवहार किया. जब डीएम ने उन्हें जाने को कहा तो अभद्रता की. अफसरों से हाथापाई की घटना भी हुई. इस दौरान थाने में कर्नल पुलिस अफसरों को धमकाते हुए कैमरे में कैद हुए, जिसमें वह दोबारा लड़कों(जवानों) को पकड़ने पर अंजाम भुगत लेने की धमकी दे रहे हैं. आरोप है कि कर्नल और मेजर के थाने से जाने के बाद सौ से ज्यादा की संख्या में अरुणांचल स्काउट्स बटालियन के जवान पहुंचे और उन्होंने थाने में तोड़फोड़ की.
VIDEO: देखें वीडियो...
इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था. आरोप है कि सेना के कर्नल फिरदौज ने पश्चिम कामेंग जिले की जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) सोनल स्वरूप और एसपी सहित बोमडिला थाने के पुलिस अधिकारियों को धमकी दी. उनके कहने पर जवानों ने थाने में तोड़फोड़ भी की. आईपीएस और आईएएस एसोसिएशन ने एक वीडियो भी ट्वीट किया है, जिसमें दिख रहे कर्नल यह कहते हुए सुनाई दे रहे- यह मेरी तुम्हें डायरेक्ट धमकी है, अगर मेरे लड़कों को फिर टच किया तो फिर देख लेना.... इस घटना के बाद आइपीएस एसोसिएशन ने #ArmyNotAboveLaw हैशटैग के साथ किए ट्वीट में सेना को भी टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की है.
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इंडियन सिविल एंड एडमिनिस्ट्रेशन सर्विसेज़ (सेन्ट्रल) एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने रक्षा सचिव संजय मित्रा को लिखे पत्र में कहा था कि भारतीय सेना अपनी बहादुरी और स्त्री-पुरुष के प्रति सम्मान और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए जानी जाती है. हमें अपनी सेना पर गर्व है. मगर यह मामला निंदनीय है और कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने सेना से यह सुनिश्चित करने की मांग किया कि कथित दोषियों को सजा दी जाए ताकि ‘‘ऐसी घटनाएं सशस्त्र बलों की शानदार विरासत में अपवाद रहें.''
क्या है पूरा मामला
अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में सेना की एक बटालियन तैनात है. जिसका नाम है अरुणाचल स्काउट्स. घटना दो नवंबर की है. जब बोमडिला में बुद्ध महोत्सव चल रहा था. इस दौरान इस बटालियन के दो जवानों को पुलिस थाने उठा ले आई. आरोप था कि महोत्सव स्थल पर सेना के जवानों के एक गुट ने हंगामा और मारपीट की. नागरिकों की शिकायत पर पुलिस उन्हें थाने ले गई. इसकी खबर जब बटालियन का नेतृत्व कर रहे कर्नल फिरदौस पी को हुई तो वह मेजर कौशिक रॉय के साथ थाने पहुंचे. उन्होंने पुलिसकर्मियों को धमकाना शुरू किया. आईएएस एसोसिएशन के मुताबिक कर्नल ने जिले की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कम डिप्टी कमिश्नर सोनल स्वरूप और एसपी से भी दुर्व्यवहार किया. जब डीएम ने उन्हें जाने को कहा तो अभद्रता की. अफसरों से हाथापाई की घटना भी हुई. इस दौरान थाने में कर्नल पुलिस अफसरों को धमकाते हुए कैमरे में कैद हुए, जिसमें वह दोबारा लड़कों(जवानों) को पकड़ने पर अंजाम भुगत लेने की धमकी दे रहे हैं. आरोप है कि कर्नल और मेजर के थाने से जाने के बाद सौ से ज्यादा की संख्या में अरुणांचल स्काउट्स बटालियन के जवान पहुंचे और उन्होंने थाने में तोड़फोड़ की.
VIDEO: देखें वीडियो...
An @adgpi CO openly threatening civil authorities in #Bomdila deserves condemnation. Unlike him, Civil Authorities acted with maturity and lived up to the Sardar's advice, "A policeman who loses his cool ceases to be a police officer".#DemandCorrectiveAction #ArmyNotAboveLaw pic.twitter.com/f5PcxnUI6v
— IPS Association (@IPS_Association) November 8, 2018
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