कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) ने शुक्रवार को कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ के अध्यक्ष डी. केम्पन्ना से कहा कि अगर उनकी सरकार में भ्रष्टाचार (C) साबित करने वाले दस्तावेज हैं, तो वह न्यायमूर्ति नागमोहन दास आयोग से संपर्क करें. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के खिलाफ ‘40 प्रतिशत कमीशन' अभियान का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री ने कहा कि केम्पन्ना रिश्वत मांगने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
सिद्धारमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने पिछली (भाजपा) सरकार में ‘40 प्रतिशत कमीशन' की जांच के लिए न्यायमूर्ति नागमोहन दास आयोग का गठन किया है. अगर उनके पास दस्तावेज हैं, तो उन्हें जरूर साझा करना चाहिए.''
केम्पन्ना ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि सरकारी ठेके देने के एवज में 40 प्रतिशत रिश्वत मांगने की परिपाटी कांग्रेस शासन में भी जारी है.
अब इनकी बारी है : केम्पन्ना
उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले (पिछली भाजपा सरकार के दौरान) जन प्रतिनिधि रिश्वत मांग रहे थे, अब इनकी बारी है.
केम्पन्ना ने दावा किया, ‘‘कर्नाटक में अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार जारी है. अब तक किसी भी विधायक, सांसद या मंत्री ने हमसे पैसे नहीं मांगे हैं. पहले विधायक हमें काम का ठेका देने के लिए एक निश्चित राशि मांगते थे, अब ऐसी स्थिति नहीं है. अधिकारी आते हैं और पूछते हैं - अगर आपको काम चाहिए तो पैसे दो.''
भाजपा सरकार पर भी लगाया था आरोप
केम्पन्ना के नेतृत्व में ठेकेदार संघ ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान मंत्रियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों और अन्य लोगों पर ‘‘उत्पीड़न'' का आरोप लगाया था और उन पर ठेके देने और बिल को मंजूरी देने के लिए 40 प्रतिशत कमीशन की मांग करने का आरोप लगाया था.
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