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This Article is From Oct 01, 2022

ICU ऑन व्हील्स: देखें भारत की पहली 5G क्षमता वाली एम्बुलेंस के अंदर की तस्वीर

यह पूछे जाने पर कि क्या लागत एक बड़ा कारक होगी, श्रीनिवासन ने कहा कि यह लागत बनाम जीवन का प्रश्न है और लागत का प्रबंधन किया जा सकता है, क्योंकि इससे अधिक लोगों को लाभ होगा.

दिल्ली में इंडिया मोबाइल कांग्रेस में 5G-सक्षम एम्बुलेंस लॉन्च किया गया.

नई दिल्ली:

भारत की पहली फिफ्थ-जेनरेशन यानि 5जी नेटवर्क क्षमता वाली एम्बुलेंस शनिवार को लॉन्च की गई. इसमें दूरस्थ स्थान से वास्तविक समय में रोगियों की निगरानी और ​​तेज इंटरनेट कनेक्शन के साथ वीडियो कॉल की सुविधा सहित और भी बहुत कुछ उपलब्ध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली में इंडिया मोबाइल कांग्रेस में 5जी सेवाओं की शुरुआत की. 5G सेवाओं की शुरुआत भारत की नंबर 2 ऑपरेटर भारती एयरटेल के साथ हुई, जो फिलहाल दिल्ली, मुंबई, वाराणसी और बेंगलुरु सहित आठ शहरों में सेवाएं दे रही है.

देश में सबसे ज्यादा सब्सक्राइबर वाली कंपनी रिलायंस जियो इस महीने चार महानगरों में अपनी सेवाएं शुरू करने वाली है, जबकि तीसरे ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने अब तक अपने 5जी रोलआउट के लिए कोई निश्चित समय सीमा का संकेत नहीं दिया है.

सिस्को सिस्टम्स के शंकर श्रीनिवासन ने एनडीटीवी को बताया, "एक कनेक्टेड एम्बुलेंस की सभी सुविधा कोई नई बात नहीं है. मूलभूत अंतर यह है कि एम्बुलेंस के अंदर जो सुविधा होती है, वह अब बढ़ाया गया है. इसलिए पहले आप डिफाइब्रिलेटर (एक मशीन जो किसी के दिल की धड़कन बनाने के लिए विद्युत प्रवाह का उपयोग करती है) में नहीं डाल सकती थी. आप रोगी निगरानी प्रणाली नहीं लगा सकते. अधिक से अधिक आप एक व्हाट्सएप कॉल सेट कर सकते हैं और डॉक्टर एक मोबाइल वीडियो के साथ मरीज को देख सकते हैं. वह सब अब बदल गया है."

श्रीनिवासन ने आगे बताया, "5G के साथ आप पूरी एम्बुलेंस को चिकित्सा उपकरणों के साथ लोड कर सकते हैं, चाहे वह इंजेक्शन सिरिंज, पंप या ईसीजी मशीन या वेंटिलेटर वगैरह हो, और वे सभी जुड़े हुए हैं ताकि रिमोट डॉक्टर वास्तविक समय में रोगी को ट्रीट कर सके और सही तरह से उपचार दे सके. कम से कम विलंबता के साथ रोगी के डेटा को वास्तविक समय में बहुत तेज गति से भेजने की क्षमता है. यह किसी भी तरह की कनेक्टेड एम्बुलेंस बनाम 5G कनेक्टेड एम्बुलेंस के बीच मूलभूत अंतर है."

यह पूछे जाने पर कि क्या लागत एक बड़ा कारक होगी, श्रीनिवासन ने कहा कि यह लागत बनाम जीवन का प्रश्न है और लागत का प्रबंधन किया जा सकता है, क्योंकि इससे अधिक लोगों को लाभ होगा.

उन्होंने कहा, "लागत एक फैक्टर है, लेकिन फिर यह एक लागत बनाम जीवन का प्रश्न है. यह एक बहुत कठिन ट्रेडऑफ है. हमने इसे पूरे आईसीयू ऑन व्हील्स के रूप में डिजाइन किया है. आप इसे दूरस्थ जिला मुख्यालय या टियर 3 गांव या शहर में भेज सकते हैं और, आपके पास कई लोग हो सकते हैं जो बार-बार अपना मेडिकल चेकअप कर रहे हैं. एक व्यक्ति को शहर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ले जाना, ताकि आप बड़ी संख्या में लोगों पर उस लागत का एहसास कर सकें. इसलिए लागत एक ऐसी चीज है जिसे मैनेज किया जा सकता है."

अल्ट्रा-लो लेटेंसी कनेक्शन को पावर देने के अलावा, कुछ ही सेकंड में (भीड़-भाड़ वाले इलाकों में भी) मोबाइल डिवाइस पर फुल-लेंथ हाई-क्वालिटी वीडियो या मूवी डाउनलोड करने की अनुमति देता है. 5G ई-हेल्थ, कनेक्टेड व्हीकल्स, इमर्सिव ऑगमेंटेड रियलिटी और मेटावर्स अनुभव, जीवन रक्षक उपयोग के मामले और उन्नत मोबाइल क्लाउड गेमिंग जैसे अन्य समाधान सक्षम कर सकता है.

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