
फाइल फोटो
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
तेजस के पहले बेड़े का नाम रखा गया है फ्लांइग ड्रैगर
चीन और पाक द्वारा निर्मित जेएफ-17 से की जाती तुलना
वायुसेना के पुराने पड़ चुके मिग-21 को रिप्लेस करेगा तेजस

शुरू के दो साल बेंगलुरु में रहने के बाद ये स्क्ावड्रन तमिलनाडु के सलूर चला जाएगा। वायुसेना की योजना अगले साल मार्च तक इसके बेड़े में छह तेजस शामिल करने की है। इसके बाद आठ और तेजस बेड़े में शामिल किये जाएंगे। इसके बाद ही तेजस को किसी फॉरवर्ड एरिया में तैनात किया जाएगा।

एक इंजन वाले इस लड़ाकू विमान की तुलना चीन और पाकिस्तान द्वारा मिलकर तैयार किये गए जेएफ-17 से की जाती है। वायुसेना की मानें तो ये विमान जेएफ-17 से कही ज्यादा बेहतर है । धीरे-धीरे तेजस वायुसेना से पुराने पड़ चुके मिग-21 को रिप्लेस कर देगा। मिग-21 का इस्तेमाल हवा से हवा और जमीनी हमले के लिये किया जाता है।

अपग्रेड तेजस वायुसेना के हर तरह के रोल में फिट होगा जिसकी कीमत करीब 250 से 300 करोड़ होगी। वायुसेना ने तेजस बनाने वाली कंपनी हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड को 120 विमानों का ऑर्डर दिया है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
लड़ाकू विमान तेजस, लाइट कॉम्बैट एयरकाफ्ट, भारतीय वायुसेना, फ्लांइग ड्रैगर, Fighter Aircraft Tejas, Light Combat Aircraft, Indian Air Force, IAF, Flying Dagger