'मैंने निष्पक्ष रहने की पूरी कोशिश की', बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने अपने भावुक भाषण में कहा

बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की कुर्सी खतरे में है. उनके खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले 'महागठबंधन' के सदस्यों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है. सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विधानसभा परिसर में एक समारोह में उन्होंने भावनात्मक भाषण दिया.

'मैंने निष्पक्ष रहने की पूरी कोशिश की', बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने अपने भावुक भाषण में कहा

बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा

पटना :

बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की कुर्सी खतरे में है. उनके खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले 'महागठबंधन' के सदस्यों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है. सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विधानसभा परिसर में एक समारोह में उन्होंने भावनात्मक भाषण दिया. सात पन्नों के अपने भाषण में, सिन्हा ने अपने  "बीस महीने" के कार्यकाल के कई संदर्भ दिए. उन्होंने व्यंग्यात्मक रूप से कहा ,"मैंने पार्टी की भावनाओं से ऊपर उठकर निष्पक्ष रहने की पूरी कोशिश की और इससे विपक्ष के प्रति बहुत उदार होने के आरोप भी लगे.," 

विधानसभा अध्यक्ष का संदर्भ जाहिर तौर पर, इस साल की शुरुआत में हुई एक अप्रिय घटना के लिए था, जब मुख्यमंत्री ने एक  शराबबंदी के उल्लंघन के मुद्दे पर "बार-बार" चर्चा की अनुमति देने पर सदन के पटल पर विधानसभा अध्यक्ष पर जोरदार हमला बोल दिया था. उस समय राजद ने  सभापति के "अपमान" को लेकर सदन की कार्यवाही को कुछ दिनों के लिए रोक दिया था.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

अपने भाषण में सिन्हा ने शताब्दी समारोह को भी गिनाया जिसमें पिछले साल तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और पिछले महीने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया था. सिन्हा, जिन्होंने पूर्व में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में कार्य किया था, ने एक काव्य नोट पर दिवंगत प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के एक प्रसिद्ध कविता का हवाला देते हुए कहा, जिसका अर्थ मोटे तौर पर है - "हमें लक्ष्य को भूलकर नहीं खोना चाहिए, मंजिल के लिए यह एक पड़ाव है, वर्तमान पर आसक्त भविष्य को न भूलें, आओ, दीप जलाएं."



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)