उत्तराखंड की सुरंग में 17 दिन तक चले ऑपरेशन के बाद फंसे 41 मज़दूरों को सुरक्षित निकाल लेने की अगली सुबह टनलिंग एक्सपर्ट आरनॉल्ड डिक्स ने कहा है कि उन्हें अब सुरंग के बाहर बने अस्थायी मंदिर में जाकर 'शुक्रिया अदा करना' होगा. बेहद लम्बे चले ऑपरेशन के दौरान बचाव क्षेत्र में जानी-पहचानी सूरत बन चुके आरनॉल्ड डिक्स ने कहा कि फंसे हुए मज़दूरों का सुरक्षित बाहर निकल आना 'चमत्कार' है.
आरनॉल्ड डिक्स ने बुधवार सुबह समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, "याद है, मैंने कहा था, क्रिसमस से पहले ही 41 लोग घर पर होंगे, और किसी को चोट नहीं पहुंचेगी... क्रिसमस अब जल्द ही आ रहा है... हम शांतचित्त रहे, और हमें पता था, हमें क्या चाहिए... हमने शानदार टीम की तरह काम किया... भारत में दुनिया के बेहतरीन इंजीनियर हैं... इस सफल मिशन का हिस्सा बनकर मुझे बेहद खुशी हुई..."
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | On the successful rescue of all 41 workers from the Silkyara tunnel, international tunnelling expert Arnold Dix says, "It's been my honour to serve, and as a parent, it's been my honour to help out all the parents getting their… pic.twitter.com/3A7rqf02VR
— ANI (@ANI) November 29, 2023
प्रोफेसर और बैरिस्टर होने के अलावा जिनेवा स्थित इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष आरनॉल्ड डिक्स बचाव अभियान शुरू होने के बाद से उत्तरकाशी में तैनात हैं. आरनॉल्ड डिक्स को बचाव टीमों की मदद करने तथा ऑपरेशन की प्रगति के बारे में मीडिया को जानकारी देते देखा गया. संकट की घड़ियों में आगे आने के लिए उनकी चौतरफा तारीफ़ भी की गई.
मंगलवार को आरनॉल्ड डिक्स को अस्थायी मंदिर के सामने बैठकर मज़दूरों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते देखा गया था, जिसने बहुतों का दिल जीत लिया. उन्होंने अब कहा, "मुझे मंदिर जाना होगा, क्योंकि जो हुआ है, उसके लिए मैंने शुक्रिया अदा करने का वादा किया था... हमने अभी-अभी एक चमत्कार देखा है..."
एक पखवाड़े से ज़्यादा वक्त तक चले बेहद चुनौतीपूर्ण अभियान के बाद मंगलवार रात को ही 41 मज़दूरों को एक-एक कर सुरंग से बाहर निकाला गया था. इस अभियान के दौरान बहुत-सी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, क्योंकि हिमालयी क्षेत्र में कई समस्याएं आती ही हैं. बचाव अभियान के दौरान 25-टन वज़न वाली ऑगर मशीन खराब हो गई थी, और उसके रैट-होल माइनिंग एक्सपर्ट्स ने हाथों से खुदाई की, और कामयाबी हासिल की.
आरनॉल्ड डिक्स का कहना है, "यहां काम करना मेरे लिए सम्मान की बात है, और एक अभिभावक के तौर पर सभी बच्चों को उनके माता-पिता के घर पहुंचने में मदद करना भी सम्मान का विषय है..."
ऑस्ट्रेलियाई नागरिक आरनॉल्ड डिक्स की तारीफ भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने भी की. सुरंग बचाव अभियान को 'बहुत बड़ी उपलब्धि' करार देते हुए भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट X (अतीत में ट्विटर) पर पोस्ट किया, "ऑस्ट्रेलिया के प्रोफेसर आरनॉल्ड डिक्स की विशेष सराहना, जिन्होंने मौके पर अहम तकनीकी मदद मुहैया करवाई..."
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