महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (DGP) संजय पांडे ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को गलत बताया है. संजय पांडे ने लिखा है कि उन्होंने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर राज्य सरकार से समझौता करने का कोई दबाव नहीं बनाया. पांडे ने कहा, "खुद परमबीर सिंह ने उनसे संपर्क कर कहा था कि वो बहुत ही परेशान हैं और मामले को खत्म करना चाहते हैं और इसके लिए मदद की मांग की थी. तब मैंने उनसे बात की. न तो मुझे सरकार की तरफ से मामला खत्म करवाने का कोई निर्देश था और न ही मैंने खुद आगे होकर कोई कोशिश की. परमबीर सिंह ने पूरे प्रकरण को गलत तरह से पेश कर उसको अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है." गौरतलब है कि आज सुप्रीम कोर्ट में परमबीर सिंह की अर्जी पर सुनवाई है और महाराष्ट्र सरकार को भी अपना जवाब दाखिल करना है.
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को किया गया निलंबित
इससे पहले 2 दिसंबर को राज्य सरकार ने परमबीर सिंह को उनके खिलाफ दर्ज मामलों और सेवा नियमों के उल्लंघन के चलते उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. उनके साथ ही दूसरे मामालें में आरोपी अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक पराग मनेरे को भी निलंबित किया गया था. पराग मनेरे ठाणे और मुंबई में सिंह के समय डीसीपी थे.
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह क्राइम ब्रांच के सामने हुए पेश, अक्टूबर से थे लापता
मार्च में जब परमबीर को एंटीलिया बम कांड की घटना के बाद मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटाया गया था, तब उन्होंने तत्कालीन राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोप लगाए थे. उन्होंने देशमुख पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों से मुंबई के रेस्तरां और बार में से एक महीने में 100 करोड़ रुपए वसूलने के लिए कहा था. हालांकि इस आरोप से देशमुख पहले ही इनकार कर चुके हैं.
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