NCP Crisis: "उम्र 82 हो या 92, मैं अभी भी इफेक्टिव"- शरद पवार ने अजित पवार को दिया जवाब

शरद पवार (Sharad Pawar) के दिल्ली स्थित आवास पर एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. इस बैठक में शरद पवार ने खुद को एनसीपी का अध्यक्ष बताया.  

नई दिल्ली:

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में टूट के बाद महाराष्ट्र की सियासत में घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. एनसीपी किसकी होगी, इसे लेकर शरद पवार और अजित पवार (Ajit Pawar) में लड़ाई चल रही है. दोनों ही गुटों ने एनसीपी पर दावा करते हुए चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख दी है. इस बीच शरद पवार (Sharad Pawar) के दिल्ली स्थित आवास पर एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. इस बैठक में शरद पवार ने खुद को एनसीपी का अध्यक्ष बताया.  

NCP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 8 प्रस्ताव पास हुए और नेताओं ने शरद पवार पर भरोसा जताया. मीटिंग के बाद शरद पवार ने कहा- "आज की बैठक से हमारा हौसला बढ़ा है. NCP का अध्यक्ष मैं ही हूं और कौन क्या कह रहा है मुझे नहीं पता. किसी और के कुछ कहने की अहमियत नहीं. उनके दावों में कोई सच्चाई नहीं है."

शरद पवार ने कहा, "अगर कोई मुख्यमंत्री बनना चाहता है कि हमें दिक्कत नहीं है. लेकिन मैं अभी भी इफेक्टिव हूं. फिर चाहे उम्र 82 हो या 92 क्या फर्क पड़ता है."

इस बैठक में पीसी चाको, जितेंद्र अह्वाण, फौजिया खान और वंदना चव्हाण समेत 13 एनसीपी नेता मौजूद रहे. NCP नेता पीसी चाको ने कहा- "सरकार में शामिल होने वाले 9 विधायकों को पार्टी से निकाल दिया गया है." चाको ने कहा कि एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एनसीपी ने 8 रेजोल्यूशन पास किए हैं. 27 प्रदेश इकाइयां शरद पवार गुट के साथ हैं. कमिटी ने शरद पवार के प्रति पूरा भरोसा जताया है.

अजित पवार ने मीटिंग को बताया गैरकानूनी
उधर, अजित पवार ने इस मीटिंग को गैरकानूनी बता दिया. उन्होंने कहा है कि एनसीपी के प्रतिनिधित्व को लेकर विवाद फिलहाल चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में है. इसलिए पार्टी के अंदर किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है. 

शरद पवार को दिया था बढ़ती उम्र का हवाला
अजित पवार (Ajit Pawar ) ने बुधवार को अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए शरद पवार को राजनीति में रुकने की सलाह दी थी. अजित पवार ने कहा, "आप 83 साल के हो गए हैं. आप कभी रुकेंगे या नहीं? हम सरकार चला सकते हैं. हम में ताकत है. फिर हमे मौका क्यों नहीं देते हैं? किसी भी घर में मुखिया 60 साल के बाद रिटायर होते हैं और अपने बेटों को आगे बढ़ाते हैं. वो बच्चों को आशीर्वाद देने का काम करते हैं. फिर आप ऐसा क्यों नहीं करते?"

जो शिवसेना के साथ हुआ, वही एनसीपी के साथ हो रहा
शरद पवार ने इससे पहले बुधवार को भी मीटिंग की थी. इस दौरान उन्होंने कहा- "जो शिवसेना के साथ हुआ, वही NCP के साथ हुआ है. अजित पवार के मन में कुछ था, तो मुझसे बात करनी चाहिए थी. सहमति नहीं हो, तो बातचीत से हल निकालना चाहिए. अजित की बात सुनकर अफसोस हुआ. गलती सुधारना हमारा काम है. आपने गलती की और अब सजा भुगतने के लिए तैयार रहिए.

शिवसेना और बीजेपी के हिंदुत्व में फर्क
अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल ने अपनी मीटिंग में तर्क दिया था कि अगर एनसीपी शिवसेना के साथ गठबंधन कर सकती है, तो बीजेपी से क्या दिक्कत है? इस सवाल का जवाब देते हुए शरद पवार ने कहा, "शिवसेना और बीजेपी के बीच फर्क है." उन्होंने कहा, "हां, शिवसेना भी हिंदुत्व का पालन करती है. वे सभी को एक साथ लेकर चलती है, यही उनका हिंदुत्व है. लेकिन बीजेपी का हिंदुत्व लोगों को बांटने वाला, जहरीला, मनुवादी और खतरनाक है... जो लोग धर्म और जाति के आधार पर बांटते हैं, वो देशप्रेमी नहीं हो सकते. इसलिए हम ऐसे किसी व्यक्ति के साथ नहीं जा सकते, जो ऐसी विचारधारा पर विश्वास करता हो."

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