
अनुपम खेर की फाइल फोटो
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असहिष्णुता, अवार्ड वापसी को लेकर फिल्म निर्माताओ की आलोचना कर चुके है खेर
कई सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया पर खुलकर राय रखते हैं खेर
दूसरे क्या सोचेंगे यह परवाह किए बिना अपने प्रति ईमानदार होना चाहिए : खेर
पिछले वर्ष शाहरुख खान और आमिर खान जैसे अभिनेताओं ने कथित तौर पर बढ़ती असहिष्णुता को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी, जिसे खेर ने खारिज कर दिया था और राष्ट्रीय राजधानी में 'सहिष्णुता' मार्च का नेतृत्व किया था.
विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर सोशल मीडिया के जरिये खुलकर अपनी राय व्यक्त करने वाले खेर का मानना है कि यह अहम है क्योंकि किसी को भी यह परवाह किए बिना अपने प्रति ईमानदार होना चाहिए कि दूसरे क्या सोचेंगे.
अभिनेता ने कहा, 'हम लोग ऐसे उद्योग में है, जो आवश्यकताओं पर आधारित है. अगर आपको कल मेरी जरूरत पड़ती है तो मैं क्या कहता हूं, इसका आप पर कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि आपको मेरी जरूरत है. अगर आपको मेरी जरूरत नहीं है तो भी आपको मेरी बातों से फर्क नहीं पड़ता.'
खेर ने कहा, 'मैं उस दौर से गुजरा हूं. मैंने यह पाया है कि यह जानना सबसे जरूरी है कि मैं क्या हूं. मैं जानता हूं कि अपनी राय से मैंने कुछ लोगों को नाराज किया है कुछ ऐसे लोग हैं जो खुश नहीं हैं, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.'
फिल्म 'सारांश' के 61 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि 'अभिनय मेरे जीवन का अंग है, मेरा जीवन नहीं है' और इसलिए देश का एक नागरिक होने के नाते उनके पास विचार हैं और वह उसे प्रस्तुत करने में कभी नहीं हिचकेंगे.
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