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खालिस्तानी नारे और तोड़फोड़... पंजाब में अपनी बसें खड़ी करने से क्यों डर रहा हिमाचल?

हिमाचल प्रदेश सरकार पंजाब में एचआरटीसी की बसों पर हो रहे हमलों के बाद यात्रियों के साथ ही चालकों और परिचालकों की सुरक्षा को चिंतित है और इसके मद्देनजर सरकार ने पंजाब में बसों का रात्रि ठहराव न करने का फैसला किया है.

खालिस्तानी नारे और तोड़फोड़... पंजाब में अपनी बसें खड़ी करने से क्यों डर रहा हिमाचल?
पंजाब में एचआरटीसी की कई बसों पर हमले हुए हैं.
शिमला:

पंजाब में हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में तोड़फोड़ और खालिस्तानी नारे लिखे जाने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. शनिवार को एक बार फिर हिमाचल की कुछ बसों में तोड़फोड़ की गई और उन पर खालिस्‍तान समर्थक नारे लिख दिए गए. इसके बाद हिमाचल सरकार चिंतित है और उसने एचआरटीसी की बसों का पंजाब में रात्रि ठहराव नहीं करने का फैसला किया है. साथ ही हिमाचल सरकार लगातार पंजाब सरकार से घटनाओं पर रोक लगाने और कार्रवाई करने को लेकर बातचीत कर रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्‍या है यह पूरा मामला और इसकी शुरुआत कैसे हुई. 

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हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जब तक पंजाब सरकार हिमाचल की बसों और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती है, तब तक पंजाब में बसों का रात्रि ठहराव नहीं होगा. हिमाचल सरकार के अधिकारी पंजाब सरकार से बातचीत के लिए भेजे जा रहे हैं और केंद्र सरकार से भी इस मामले को लेकर बातचीत की जा रही है, जिससे स्थायी समाधान सुनिश्चित हो सके. एचआरटीसी के 600 रूट की बसें पंजाब या पंजाब होते हुए दूसरे राज्यों में जाती हैं. ऐसे में सरकार यात्रियों के साथ ही चालकों और परिचालकों की की सुरक्षा को देखते हुए कुछ रूट सस्पेंड करने पर भी विचार कर रही है. 

पांच बसों को नुकसान पहुंचाया: अग्निहोत्री

अग्निहोत्री ने कहा, "अमृतसर में कल पार्किंग में हमारी पांच बसों को नुकसान पहुंचाया गया, वे नई बसें थीं. तीन बसों के शीशे तोड़ दिए गए. कुछ बसों में खालिस्तान समर्थक नारे लिखे थे. पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. हम पंजाब पुलिस के लगातार संपर्क में हैं. हमारी बसों को निशाना बनाना उचित नहीं है."

इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि हमने पंजाब के मुख्‍यमंत्री से भी बात की है. हम राज्य की संपत्तियों का नुकसान बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम इस पर एफआईआर दर्ज कर रहे हैं. साथ ही उन्‍होंने कहा कि जब तक पंजाब पुलिस और राज्य सरकार हमें हमारी बसों की सुरक्षा का आश्वासन नहीं देती है, हम बसों को वहां पार्क नहीं करेंगे, हम कुछ बसों को निलंबित कर सकते हैं या उन्हें वापस ला सकते हैं."

उन्होंने कहा, "कुछ असामाजिक तत्व राज्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचाकर शरारत कर रहे हैं और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. (पंजाब में) एफआईआर दर्ज की जा रही हैं और गिरफ्तारियां की जा रही हैं. कर्मचारियों और यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है." 

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हमलों के बाद 10 रूट पर संचालन निलंबित 

अमृतसर में शुक्रवार रात को कुछ अज्ञात लोगों ने एचआरटीसी की चार बसों के शीशे तोड़ दिए, जबकि कुछ अन्य पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे थे. पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. एचआरटीसी के मंडल प्रबंधक राज कुमार पाठक ने कहा कि जिन बसों में तोड़फोड़ की गई, उन्हें बिलासपुर, देहरा और ऊना जाना था. उन्होंने कहा कि हमीरपुर जाने वाली बस पर नारे लिखे थे. उन्होंने कहा कि विभाग एचआरटीसी बस कर्मचारियों के संपर्क में है और इस बारे में उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया है. 

इससे पहले बुधवार को एचआरटीसी ने सरकारी बसों पर हुए हमलों के मद्देनजर पंजाब में 10 रूटों पर बसों का संचालन निलंबित कर दिया गया था. एक दिन पहले पंजाब के खरड़ के निकट कुछ हमलावरों ने चंडीगढ़-हमीरपुर बस के शीशे तोड़ दिए थे. इस घटना में कोई यात्री घायल नहीं हुआ. वहीं मोहाली में एफआईआर दर्ज की गई और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. 

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इससे पहले, सोमवार को जालंधर-मनाली बस पर कुछ लोगों ने पथराव किया और बस पर जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर भी चिपका दिए. इस संबंध में सरहिंद में एफआईआर दर्ज की गई. एक अन्य बस में जब इस तरह की कोशिश का विरोध किया गया तो ड्राइवर और कंडक्‍टर को धमकाया गया. 

इस तरह से शुरू हुआ था विवाद 

डिप्‍टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य विधानसभा में बोलते हुए कहा था कि यह सब कुछ कुछ दिनों पहले कुल्लू जिले के मणिकरण बैरियर पर पंजाब और हिमाचल के कुछ युवकों के बीच विवाद तब शुरू हुआ था, जब स्‍पेशल एरिया डवलपमेंट अथॉरिटी ने दोपहिया वाहनों पर 50 रुपये और चार पहिया वाहनों पर 100 रुपये का शुल्क लगाया था. पंजाब के लोगों ने शुल्क का विरोध करते हुए तर्क दिया कि देश में कहीं और दोपहिया वाहनों पर इस तरह का शुल्क नहीं लगाया जाता है.

एचआरटीसी के कर्मचारी खासकर पंजाब के मार्गों का संचालन करने वाले चालक और कंडक्टर, बार-बार हमलों और उनकी बसों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे जाने से परेशान हैं. 

साथ ही यह घटनाएं हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानीय लोगों द्वारा पंजाब के युवकों के एक समूह की मोटरसाइकिलों से आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर वाले झंडे को उतारने के बाद हुए विवाद के तुरंत बाद हुई हैं. 

पंजाब के बाइकरों के खिलाफ मामले दर्ज

पंजाब के बाइक सवारों के खिलाफ 10 से 15 मार्च के बीच मणिकरण, मनाली और कुल्लू थानों में विभिन्न धाराओं के तहत चार मामले दर्ज किए गए हैं. 

अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए दल खालसा और सिख यूथ ऑफ पंजाब के कार्यकर्ताओं ने होशियारपुर में एचआरटीसी बसों के साथ-साथ कुछ निजी बसों पर भी भिंडरावाले की तस्वीरें लगा दीं. 

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भारत माता के लगाए नारे

इस बीच, एंटी टेररिस्ट फ्रंट ने शनिवार को शिमला आईएसबीटी में पंजाब की बसों के सामने जमकर नारेबाजी की. इस दौरान भारत माता की जय के नारे लगाए गए. साथ ही खालिस्‍तान के विरोध में भी जमकर नारेबाजी की गई.  

फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि भिंडरावाला समर्थकों का हिमाचल में शांति खराब करने के प्रयास सफल नहीं होने दिए जाएगा. ऐसे लोगों को बॉर्डर पर ही रोका जाना चाहिए. पंजाब की बसों पर भारत माता के पोस्टर लगाकर संदेश दिया जा रहा है कि अगर हिमाचल की देव भूमि पर इस तरह की अशांति फैलाने की कोशिश होगी तो वह बर्दाश्‍त नहीं होगी. 

उन्‍होंने कहा कि अगर पंजाब के मुख्यमंत्री हिमाचल की बसों पर हो रहे हमलों को रोकते नहीं हैं तो यह समझ जाइए कि पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान खालिस्तान को समर्थन दे रहे हैं. 

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