खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और कश्मीरी नेता शेख अब्दुल रशीद को लोकसभा सांसद के तौर पर शुक्रवार को शपथ दिलाई गई. इसके लिए संसद भवन के अंदर और बाहर कड़ी सुरक्षा की गई थी. अमृतपाल को शपथ दिलाने के लिए असम के डिब्रूगढ़ जेल से दिल्ली लाया गया. इसके लिए बकायदा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. अमृतपाल सिंह को शुक्रवार तड़के कड़ी पहरे में पहले एयरपोर्ट लाया गया. इस दौरान अमृतपाल सिंह की सुरक्षा में पंजाब पुलिस के आठ जवान तैनात रहे. अमृतपाल को जेल से एयरपोर्ट तक लाने और फिर दिल्ली की फ्लाइट में बिठाने तक, असम पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने भी सभी तरह के इंतजाम किए थे. दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस को संसद परिसर के अंदर की प्रक्रियाओं के लिए लोकसभा के महासचिव के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया गया था. लोकसभा सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिए कोर्ट ने अमृतपाल सिंह को चार दिन की परोल दी है.
खास बातें: अमृतपाल ने पंजाबी में ली शपथ
- अमृतपाल संग कश्मीरी नेता शेख अब्दुल रशीद ने भी लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली.इंजीनियर रशीद के नाम से लोकप्रिय रशीद गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.
- अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत दर्ज मामले में असम के डिब्रूगढ़ की जेल में कैद है.सुरक्षाकर्मी दोनों को शुक्रवार सुबह संसद परिसर लाए. लोकसभा के एक बुलेटिन में कहा गया कि रशीद ने संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के सभागार में कश्मीरी, जबकि अमृतपाल ने पंजाबी में शपथ ली.
- अमृतपाल (31) और रशीद (56) ने हाल ही में जेल में रहते हुए पंजाब के खडूर साहिब और जम्मू-कश्मीर के बारामूला से निर्दलीय उम्मदीवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीता था. दोनों अन्य विजयी उम्मीदवारों के साथ 24 और 25 जून को 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ नहीं ले सके थे.
- रशीद को शपथ लेने के लिए दो घंटे की हिरासती परोल दी गई थी, जिसमें तिहाड़ से संसद भवन तक की यात्रा का समय शामिल नहीं था. अमृतपाल को असम से दिल्ली आने जाने के मद्देनजर चार दिन की हिरासत परोल दी गई थी, जो 5 जुलाई से शुरू हुई.
- खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख सिंह को दिल्ली में अपने परिवार से मिलने की अनुमति दी गई. जबकि रशीद के परिवार को केवल उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की इजाजत मिली थी
- अमृतपाल की पैरोल अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट ने मंजूर की थी, जहां से उन्हें अप्रैल 2023 में गिरफ्तार किया गया था.अमृतपाल को फरवरी 2023 में एक थाने में घुसने और अपने एक सहयोगी को हिरासत से छुड़ाने के प्रयास में पुलिसकर्मियों से झड़प के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
कोर्ट ने सशर्त दी है पेरोल
अमृतपाल सिंह को बतौर सांसद शपथ लेने के लिए कोर्ट ने सशर्त पेरोल दी है. पंजाब में अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी पैरोल आदेश में निर्धारित शर्तों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में रहने के दौरान सिंह, उनके रिश्तेदार या परिवार के सदस्य मीडिया में कोई बयान नहीं देंगे. अमृतपाल सिंह को पिछले साल 23 अप्रैल को अमृतसर से गिरफ्तार किया गया था.
अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख हैं. वह अपने नौ सहयोगियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में बंद हैं. अमृतपाल को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों से दूर रहें. पिछले महीने लोकसभा चुनाव में जीत के बाद जेल में बंद अमृतपाल सिंह से उनके माता-पिता तरसेम सिंह और बलविंदर कौर तथा पत्नी किरणदीप कौर ने मुलाकात की थी.
अमृतपाल सिंह ने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को हराकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खडूर साहिब सीट 1.97 लाख वोटों से जीती है. अमृतपाल और उनके एक रिश्तेदार सहित संगठन के दस सदस्य एक साल से अधिक समय से जेल में हैं. इन लोगों को पंजाब के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था.
किसी सेफ हाउस में रखे गए अमृतपाल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अमृतपाल सिंह को बतौर सांसद शपथ दिलाने के बाद किसी सेफ हाउस में रखा गया है. कोर्ट के आदेश के तहत सेफ हाउस में उसके परिजन उससे मुलाकात तो कर सकते हैं लेकिन उसे लेकर किसी तरह का बयान मीडिया में नहीं देने की शर्त रखी गई है. (इनपुट्सः भाषा)
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