- अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने साफ कर दिया है कि राम मंदिर के निर्माण का काम पूरा हो चुका है.
- निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि ध्वजारोहण कार्यक्रम को लेकर मुख्य रूप से चर्चा चल रही है.
- उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से अनुरोध किया जाएगा कि वे परकोटा और सप्त मंदिर देखने के लिए भी समय निकालें.
अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने साफ कर दिया है कि राम मंदिर के निर्माण का काम पूरा हो चुका है. अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मंदिर के तीसरे चरण में हुए काम का उद्घाटन किया जाएगा. मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने अयोध्या में न्यास की बैठक के बाद तैयारियों के बारे में जानकारी दी.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य को लेकर भवन निर्माण समिति की अहम बैठक का बुधवार को तीसरा दिन था. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बैठक से पहले महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य को लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी है.
ध्वजारोहण कार्यक्रम को लेकर चर्चा
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि इस समय ध्वजारोहण कार्यक्रम को लेकर मुख्य रूप से चर्चा चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन और उनके कार्यक्रम को लेकर भी मंथन जारी है. राम मंदिर समिति प्रधानमंत्री से अनुरोध करेगी कि वे ध्वजारोहण के साथ-साथ परकोटा और सप्त मंदिर को भी देखने के लिए समय निकालें.
25 नवम्बर को अयोध्या में हो रहे ध्वजारोहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री को मंदिर परिसर की म्यूरल्स और ऋषि-मुनियों के आश्रम स्वरूप सप्त मंदिर क्षेत्र के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी. उन्होंने बताया कि तैयारियों का मुख्य लक्ष्य है कि वर्ष 2025 में हर परिस्थिति में मंदिर पूर्ण रूप से तैयार हो जाए.
5-8 हजार श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था
राम मंदिर परिसर में अब सिर्फ दो प्रमुख काम बचे हैं, जिनमें शहीद स्मारक का निर्माण भी शामिल है. शहीद स्मारक के तौर पर लगाया जाने वाला धातु का स्तंभ फरवरी 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा. इसके अलावा अस्थायी मंदिर को मेमोरियल के तौर पर संरक्षित रखा जाएगा, जहां सदैव दीपक प्रज्वलित रहेगा.
मंदिर निर्माण समिति के मुताबिक, 23 नवंबर को मीडिया के लिए मंदिर परिसर खोला जा सकता है, जिससे पत्रकार स्थल का अवलोकन कर सकें.
मुख्य मंदिर में एक बार में 5 से 8 हजार श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था है. दर्शन मार्ग से दक्षिण द्वार से निकलने तक का समय करीब 20 मिनट अनुमानित है, जबकि सुग्रीव किले तक पूरा दर्शन मार्ग तय करने में श्रद्धालुओं को लगभग 40 मिनट लगेंगे.
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