बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के लोसकभा में इस्लाम को लेकर विवादित बयान से आहत बीएसपी सांसद दानिश अली ने बीजेपी पर झूठी कहानी गढ़ने का आरोप लगाया है. बीजेपी के कई सांसद दानिश अली पर रमेश बिधूड़ी को उकसाने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जातिवादी गालियों का प्रयोग किया है.
एक्स (ट्विटर) पर साझा की गई 33 सेकंड की एक क्लिप में, आक्रोशित दानिश अली को रमेश बिधूड़ी के "गाली-गलौज और अत्यधिक उकसावे" के बाद अपना बचाव करते हुए देखा और सुना जा सकता है.
वीडियो में स्पष्ट रूप से व्याकुल और भावुक दानिश अली चिल्ला रहे हैं, "सर, माननीय सदस्य 'आतंकवादी' कह रहे हैं! वह किसे 'आतंकवादी' कह रहे हैं? क्या इस सदन में आतंकवादी हैं?"
उन्होंने केरल के कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश से मांग की, जो उस समय अध्यक्ष थे, "वह क्या कह रहे हैं? क्या कोई आतंकवादी इस सदन में प्रवेश कर सकता है? उन्हें माफी मांगनी चाहिए... ये क्या है? उन्हें ये कहने की अनुमति कैसे दी जा सकती है?"
Despite the abuses and extreme provocation, I didn't utter a single word that could harm the sanctity of the temple of democracy. Even I didn't repeat what Mr @rameshbidhuri said about me and my community. Inspite of it @BJP4India is trying it's best to create a false narrative. pic.twitter.com/yApQ6w1vJR
— Kunwar Danish Ali (@KDanishAli) September 26, 2023
वहीं कोडिकुन्निल सुरेश ने अपशब्दों के इस्तेमाल के लिए रमेश बिधूड़ी को तत्काल निलंबित करने की मांग की है.
वहीं बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि रमेश बिधूड़ी की अभद्र टिप्पणियां, दानिश अली द्वारा पहले के भाषण में प्रधानमंत्री का अपमान करने का परिणाम थी. भाजपा के निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष से दानिश अली के अशोभनीय शब्दों और आचरण की जांच करने की मांग की है. उनके सहयोगी रवि किशन शुक्ला ने अली द्वारा इस्तेमाल की गई असंसदीय भाषा की जांच की मांग की है.
रमेश बिधूड़ी ने सोमवार को संभवतः कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद खुद का पक्ष रखने के लिए भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात की.
इधर दानिश अली ने रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई में देरी पर सवाल उठाया और कहा कि उन्हें डर है कि अभद्र टिप्पणियां भारत में मुसलमानों के खिलाफ "नई कहानी बनाने" की भाजपा की योजना का हिस्सा थीं. नड्डा-बिधूड़ी की मुलाकात पर उन्होंने कहा, "अगर वे कार्रवाई करने में ईमानदार होते तो उन्हें क्यों बुला रहे होते, उन्हें क्या सबूत चाहिए, सब कुछ रिकॉर्ड में है."
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