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जम्‍मू-कश्‍मीर से लेकर हिमाचल, उत्तराखंड तक... तबाही भांपने जाएगा आईएमसीटी, गृह मंत्रालय ने बनाई समिति

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अगस्त 2019 में लिए गए निर्णय के अनुसार, गृह मंत्रालय गंभीर आपदा के तुरंत बाद राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के ज्ञापन की प्रतीक्षा किए बगैर आईएमसीटी का गठन करता है ताकि मौके पर जाकर नुकसान का आकलन किया जा सके.

जम्‍मू-कश्‍मीर से लेकर हिमाचल, उत्तराखंड तक... तबाही भांपने जाएगा आईएमसीटी, गृह मंत्रालय ने बनाई समिति
  • माॅनसून की भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में व्यापक नुकसान हुआ है.
  • गृह मंत्रालय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर विशेष अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दलों का गठन किया है.
  • ये दल प्रभावित राज्यों का दौरा कर राहत कार्यों और स्थिति का आकलन करेंगे. साथ ही सहायता प्रदान करेंगे
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मॉनसून की बारिश ने उत्तर भारत के 4-5 राज्‍यों में भारी तबाही मचाई है. आपदा प्रभावित इन राज्‍यों में हुए नुकसान को देखने के लिए गृह मंत्रालय ने एक विशेष समिति बनाई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर गृह मंत्रालय (एमएचए) ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश, बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन से हुए नुकसान के आकलन के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दलों (आईएमसीटी) का गठन किया है. ये केंद्रीय दल मौके पर जाकर स्थिति और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों का आकलन करेंगे.

केंद्रीय दल अगले सप्ताह की शुरुआत में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के बाढ़, भूस्खलन प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे, जो मौजूदा मानसून सीजन के दौरान भारी से अत्यधिक भारी बारिश, अचानक बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. हिमाचल प्रदेश में पहले ही एक आईएमसीटी और एक बहु-क्षेत्रीय दल दौरा कर चुके हैं.

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इस दल में कौन-कौन होंगे शामिल?

इन केंद्रीय दलों का नेतृत्व गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के संयुक्त सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे और इनमें व्यय, कृषि और किसान कल्याण, जल शक्ति, ऊर्जा, सड़क परिवहन और राजमार्ग, ग्रामीण विकास मंत्रालयों, विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.

गृह मंत्रालय इन राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में है और आवश्यक लॉजिस्टिक सहायता प्रदान कर रहा है, जिसमें एनडीआरएफ, सेना और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों की तैनाती शामिल है, जो खोज और बचाव कार्यों तथा आवश्यक सेवाओं की बहाली में सहायता कर रहे हैं.

नुकसान के मुताबिक दी जाएगी राहत 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अगस्त 2019 में लिए गए निर्णय के अनुसार, गृह मंत्रालय गंभीर आपदा के तुरंत बाद राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के ज्ञापन की प्रतीक्षा किए बगैर आईएमसीटी का गठन करता है ताकि मौके पर जाकर नुकसान का आकलन किया जा सके.

आईएमसीटी द्वारा नुकसान का आकलन करने के बाद केंद्र सरकार स्थापित प्रक्रिया के अनुसार एनडीआरएफ से राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करती है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान, केंद्र सरकार ने 24 राज्यों को एसडीआरएफ में 10,498.80 करोड़ रुपए, 12 राज्यों को एनडीआरएफ से 1,988.91 करोड़ रुपए, 20 राज्यों को राज्य आपदा शमन निधि (एसडीएमएफ) से 3,274.90 करोड़ रुपए और 9 राज्यों को राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (एनडीएमएफ) से 372.09 करोड़ रुपए जारी किए हैं, ताकि आपदा प्रभावित राज्य प्रभावित लोगों को तत्काल राहत सहायता प्रदान कर सकें.

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